कोरोना वायरस से आयुर्वेद एवं योग द्वारा बचाव
कोरोना वायरस अब भारत में भी पैर पसार चुका है। अब तक लगभग 492 लोग पीड़ित हो चुके है। यह वायरस खांसने छीकने व हाथ मिलाने से फैलता है। पांच हजार वर्ष पहले सुश्रुत संहिता में संक्रमण के संबंध में दिए गए निर्देश आज भी प्रासंगिक है। एमडी डा. अर्चना तिवारी ने बताया कि संक्रामक रोग संक्रमित व्यक्ति के साथ शरीर के संरसर्श हाथ मिलाना गले मिलना श्वास के संपर्क में आने एक ही शय्या पर शयन एवं रोगी के वस्त्र आभूषण तथा सौन्दर्य प्रसाधनों का प्रयोग करने से फैलता है। इस वायरस से ग्रसित होने पर तेज बुखार खांसी गले में दर्द सांस लेने संबंधित परेशानी होना प्रमुख लक्षण है। इसके साथ ही सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार सामाजिक प्रधकता
मऊ : कोरोना वायरस से भारत में अब तक लगभग 492 लोग पीड़ित हो चुके हैं। यह वायरस खांसने, छींकने व हाथ मिलाने से फैलता है। पांच हजार वर्ष पहले सुश्रुत संहिता में संक्रमण के संबंध में दिए गए निर्देश आज भी प्रासंगिक है- 'प्रसंगादगात्रसंस्पर्शान्निश्वासत्सहभोजनात्। सह शय्यासनच्चापिवस्त्रमाल्यानुलेपात।।'
अर्थात, संक्रामक रोग संक्रमित व्यक्ति के साथ शरीर के संस्पर्श हाथ मिलाना, गले मिलना, श्वांस के संपर्क में आने, एक ही शय्या पर शयन एवं रोगी के वस्त्र, आभूषण तथा सौंदर्य प्रसाधनों का प्रयोग करने से फैलता है। कोरोना वायरस से ग्रसित होने पर तेज बुखार, खांसी, गले में दर्द, सांस लेने संबंधित परेशानी होना प्रमुख लक्षण हैं। इसके साथ ही सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार सामाजिक पृथकता को लेकर लोगों में बेचैनी पैदा हो रही है। व्याधि की गंभीरता को लेकर सोशल मीडिया से भ्रामक सूचनाएं प्राप्त कर लोगों में मानसिक तनाव पैदा हो रहा है। ऐसे समय में योग मानसिक तनाव को कम करने में निश्चित रूप से सहायक है। इसके लिए प्रथम तो भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें। यदि सर्दी जुकाम हो तो छींक आने, खांसी आने पर रुमाल से नाक व मुख को ढकें व खुले में न थूकें। किसी संक्रमित वस्तु को छूने के बाद मुख को पानी से हाथ अच्छी प्रकार धोएं। सेनिटाइजर व मास्क का प्रयोग करें। आयुर्वेद के अनुसार अच्छा व्याधि क्षमत्व ही व्यक्ति को रोगग्रस्त होने से बचा जा सकता है।
इम्यून बढ़ाने को क्या करें
1. सदैव गर्म गुनगुने जल का सेवन करें।
2. दिन में तीन-चार बार नमक, हल्दी, त्रिफला से गरारा करें।
3. त्रिकटु (सोंठ मरीच, पिप्पली), तुलसी, अदरक की चाय का सेवन करें।
4. विटामिन सी का नियमित सेवन करें। इसके लिए संतरे, अंगूर, नीबू आदि को भोजन में सम्मिलित करें।
5. ठंडी चीजें आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिक का सेवन न करें।
6. प्रतिदिन प्रतिमर्श नस्य का प्रयोग करें। दो बूंद सरसों तेल, अणुतेल नाक में डालें।
7. कुछ आयुर्वेदिक औषधि जैसे च्यवनप्राश, वासा अवलेह, संशमनी वटी का सेवन नियमित रूप से करें।
8. योग से मुख्यत: प्राणायाम, कुम्भक, कपाल भांति, भ्रामरी व उज्जायी का अभ्यास करें।
-डा.अर्चना तिवारी (एमडी), स्वस्थ्वृत्त एवं योग विभाग, बापू आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज, मऊ।
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