एल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा का नहीं है कोई दुष्प्रभाव
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत दो से पांच वर्ष आयु तक के सभी बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों सरकारी व निजी विद्यालयों में छह से 19 वर्ष आयु तक के बच्चों ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मऊ : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत दो से पांच वर्ष आयु तक के सभी बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों, सरकारी व निजी विद्यालयों में छह से 19 वर्ष आयु तक के बच्चों को डीईसी (डाई एथाइल कार्बामेजिन साइट्रेट) और कृमि नाशक एल्बेंडा•ाोल की दवा खिलाई गई। सीएमओ डा. सतीशचंद्र सिंह ने बताया एल्बेंडाजोल और डीईसी (डाई एथायिल कार्बामेजिन साइट्रेट) दोनों सुरक्षित दवाएं हैं। जिले में अब तक कुल 28,371 स्कूली बच्चों को खिलाया जा चुका है। इस दवा से कोई भी साइड- इफेक्ट नहीं होता। यह दवा पेट में कीड़ों या कृमियों को समाप्त करने के लिए दी जाती है।
उन्होंने कहा कि पेट में अधिक कीड़े या कृमि होने और फाइलेरिया का संक्रमण जिन बच्चों में होता है, उन्हें दवा देने पर प्रतिकूल प्रभाव जैसे हल्का चक्कर, घबराहट या उल्टी हो सकती है, जो दो से चार घंटे में स्वत: ही समाप्त हो जाती है। जिन्हें इस वर्ष इस वर्ष दवा के वजह से कुछ परेशानी आई तो उसे अगले वर्ष इस दवा को खाने पर, यह प्रभाव नहीं परिलक्षित होंगे क्योंकि कि बच्चे दोनों रोग कृमि और फाइलेरिया के संक्रमण से मुक्त हो चुके होंगे। दवा खिलाते समय ध्यान देना चाहिए कि बच्चा खाली पेट नहीं होना चाहिए। जिला मलेरिया अधिकारी बेदी यादव ने बताया कि फाइलेरिया और कृमि नाशक दवा पूरे जनपद के व्यक्तियों को खिलाई जाती है। फाइलेरिया अभियान के प्रारंभ के प्रथम दिन डीएम, सीएमओ समेत सभी ने एक साथ जनता के सामने दवा खाई थी। एक स्वस्थ व्यक्ति को वर्ष में एक बार यह दोनों दवा जरूर लेनी चाहिए जो सभी स्वास्थ्य केंद्र पर आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पास निश्शुल्क उपलब्ध है।

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