बढ़ती जनसंख्या पर ब्रेक लगाएगी 'छाया' नामक दवा
जागरण संवाददाता, मऊ : जनसंख्या पर नियंत्रण लगाने के लिए शासन ने कमर कस लिया है। अब छाया नामक दवा इस ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मऊ : जनसंख्या पर नियंत्रण लगाने के लिए शासन ने कमर कस लिया है। अब छाया नामक दवा इस पर ब्रेक लगाएगी। शासन के निर्देश पर इसको अब स्वास्थ्य व पोषण दिवस (वीएचएनडी) सत्र में इसे शामिल कर लिया गया है। यह सत्र बुधवार व शनिवार को प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्रों पर विभाग की तरफ से आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम में अब छाया स्वास्थ्य व पोषण दिवस के रूप में दूसरा नाम देकर लागू कर दिया गया है। शासन के निर्देश पर स्वास्थ्य महकमा से अमलीजामा पहनाने में जुट गया है। जिले की जनसंख्या 24 लाख के करीब है। जनसंख्या तेजी से बढ़ने के कारण हमारे संसाधन कम होते जा रहे हैं। इससे आर्थिक, सामाजिक, बेरोजगारी सहित तमाम समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। यही नहीं तमाम कोशिशों के बावजूद सरकार जनसंख्या नियंत्रण करने में पूरी तरह से नाकाफी साबित हो रही है। अब सरकार परिवार नियोजन कार्यक्रम को सीधे गांव स्तर पर जोड़ने के लिए कदम उठा लिया है। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो वीएचएनडी सत्र के माध्यम से अब तक बच्चों के साथ गर्भवती महिलाओं की जांच, टीकाकरण के साथ पोषण की जानकारी के साथ निश्शुल्क दवा का वितरण किया जाता है। आशा और आंगनबाड़ी के सहयोग से इस सभी सत्र का संचालन किया जाता है। अब इस सत्र में महिलाओं के लिए परिवार नियोजन को भी शामिल कर लिया गया है। शासन के निर्देश पर इस सत्र में छाया नामक दवा को भी शामिल किया गया है। इसी दवा को शामिल करने के साथ अब यह सत्र छाया स्वास्थ्य व पोषण दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
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छाया के नहीं है साइड इफेक्ट
स्टेरायड न होने के कारण छाया नान हर्मोनल गर्भ निरोधक गोली है, जिसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता। हार्मोनल गोलियों की तुलना में छाया के सेवन से मोटापा, मतली होना, उल्टी या चक्कर आना, सतत रक्तस्त्राव, मुहांसे जैसे कोई दुष्प्रभाव नहीं होते। इस कारण यह अधिक सुरक्षित है।
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स्वास्थ्य केंद्रों-आशा के पास होगी उपलब्ध
छाया जिला अस्पताल, उपजिला अस्पताल, सीएचसी व पीएचसी में उपलब्ध होंगी। वहीं आशा वर्कर्स भी महिलाओं को निश्शुल्क उपलब्ध कराएंगी। एक बार में महिलाओं के एक माह की दवा दी जाएगी। दो तरह की पैकिग में स्वास्थ्य विभाग के पास पहुंची छाया के अंदर भी एक स्ट्रिप में आठ गोलियां हैं। दोनों पैकिग के अंदर में दवा एक सी है, मगर बाहर से गुलाबी रंग की डिब्बी वाली पैकिग स्वास्थ्य केंद्रों पर वितरण के लिए है तथा हरे रंग की पैकिग आशा वर्कर्स के माध्यम से वितरण के लिए है।
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विभाग की तरफ से तैयारी की जा रही है। नोडल अधिकारी के नेतृत्व में जनपद की सभी आशा और आंगनबाड़ी को प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही इसकी मानिटरिग भी की जाएगी, सभी ब्लाकों के प्रभारी इसकी रिपोर्ट नोडल को सौपेंगें।
- डा. एसएन दूबे, मुख्य चिकित्साधिकारी।

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