अजीत यादव ने चलाई थी पुलिस टीम पर गोली
मऊ : रानीपुर थाना क्षेत्र में स्वाट टीम पर जानलेवा फाय¨रग कर भाग रहा बदमाश कोई और नहीं बल्कि शातिर श
मऊ : रानीपुर थाना क्षेत्र में स्वाट टीम पर जानलेवा फाय¨रग कर भाग रहा बदमाश कोई और नहीं बल्कि शातिर शूटर अजीत यादव ही था। उसके साथ उसके दो अन्य साथी रानीपुर थाना क्षेत्र के बस्ती निवासी निक्कू ¨सह उर्फ यशवंत ¨सह और कोपागंज थाना क्षेत्र धवरियासाथ निवासी मनीष ¨सह भी पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पुलिसिया पूछताछ में इन तीनों ने जनपद में हुई हत्या की तीन तथा लूट की एक घटना में शामिल होना स्वीकार किया है तथा पुलिस के लिए अबूझ रहे इन तीनों मामलों के कई रहस्यों पर से पर्दा उठाया है।
सोमवार को रिजर्व पुलिस लाइन के सभाकक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में पुलिस अधीक्षक शिवप्रसाद उपाध्याय ने बताया कि अपराधियों की तलाश में लगी स्वाट टीम और रानीपुर पुलिस रानीपुर थाना क्षेत्र के ताहिरपुर गांव के निकट अंबेडकर मूर्ति के पास संयुक्त रूप से वाहनों की चे¨कग कर रहे थे। इसी बीच अपाचे मोटरसाइकिल पर आ रहे तीन युवकों को रोकने का प्रयास किया तो उन्होंने पुलिस टीम पर फायर झोंक कर भागने का प्रयास किया। पुलिस के जवानों ने साहस का परिचय देते हुए उन्हें धर दबोचा। इन्हें पकड़कर जब तलाशी ली गई तो तो उनके कब्जे से 09 एमएम की पिस्टल, 04 ¨जदा कारतूस बरामद हुआ। घटनास्थल की तलाशी में अभियुक्तों द्वारा की गई फाय¨रग का एक खोखा भी मिला। तीनों को पकड़कर पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की तो इनमें से एक शातिर शूटर अजीत यादव निकला। अजीत उसी क्षेत्र के ताहिरपुर गांव का ही रहने वाला है तथा पहले भी लूट के कई मामलों में जेल जा चुका है। उसके दो अन्य साथियों में एक वाहन चालक निक्कू ¨सह उर्फ यशवंत ¨सह निवासी बस्ती थाना रानीपुर तथा दूसरा कोपागंज थाना क्षेत्र के धवरियासाथ गांव का निवासी मनीष ¨सह निकला। पूछताछ में अजीत ने धवरियासाथ गांव निवासी मनीष की चचेरी बहन दुराचार पीड़िता नीलू ¨सह, गत एक दिसंबर को इंदरपुर भलया में मारे गए 22 वर्षीय अज्ञात युवक (अब ऋषिकेश ¨सह निवासी बस्ती के रूप में शिनाख्त) तथा मुहम्मदाबाद गोहना कोतवाली के करहां बाजार स्थित नगपुर साधन सहकारी समिति पर पूर्व सचिव मनिराम ¨सह की हत्या करने के साथ ही बीते 19 नवंबर को थाना सरायलखंसी क्षेत्र के अहिलाद गांव के पास मुंशीपुरा निवासी स्वर्ण व्यवसायी को घायल कर लूटे जाने की घटनाओं में शामिल रहना स्वीकार किया। हत्या की इन तीन घटनाओं में से दो को अजीत ने गोरखपुर जेल में बंद एक शातिर अपराधी के कहने पर अंजाम देने की बात कही है। पुलिस के लिए सिरदर्द बनी इन अबूझ घटनाओं के खुलासे से पुलिस ने राहत की महसूस किया है।
जमानत पर छूटते ही शुरू हो गया ताबड़तोड़
शातिर शूटर अजीत यादव को जनपद पुलिस ने गत वर्ष के आखिरी महीनों में एक पेट्रोल पंप के नजलमैन को गोली मारकर लूट करने के मामले में पकड़ा था और जेल भेज दिया था। उस दौरान भी उसने कई सनसनीखेज घटनाओं में शामिल होना स्वीकार किया था तथा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में मीडिया ट्रायल के दौरान खुद को यमराज के रूप में स्थापित करने की इच्छा जताई थी। गत अगस्त माह में जेल से जमानत पर छूटते ही उसने फिर ताबड़तोड़ घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया। बाहर आते ही गाजीपुर में एक लूट की घटना में पुलिस द्वारा पकड़ लिए जाने के 15 दिनों बाद फिर जमानत पर बाहर आया तो 13 सितंबर को थाना कोपागंज के धवरियासाथ निवासिनी दुराचार पीड़िता नीलू ¨सह की हत्या कर दी। 19 नवंबर को अहिलाद में स्वर्णकार को लूट लिया। 26 नवंबर को करहां में पूर्व सचिव मनिराम ¨सह की हत्या कर दी और 01 दिसंबर को अपने ही साथी ऋषिकेश ¨सह की इंदरपुर भलया में गोली मारकर हत्या कर दी।
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