संकर प्रजातियों को अपनाएं, उत्पादन बढ़ाएं
घोसी (मऊ) : खरीफ की मुख्य फसल धान की खेती करने वाले किसान बीज चयन में बेहद सावधान रहें। हर प्रजाति का बीज हर क्षेत्र के अनुकूल नहीं है। बीज चयन के दौरान किसान नर्सरी एवं रोपाई के समय को रखते ही जिले की मिट्टी एवं जलवायु के आधार पर संस्तुत प्रजातियों का ही प्रयोग करें। अधिक उत्पादन हेतु किसान संकर प्रजाति के धान की खेती करें। इस प्रजाति के बीज को प्रतिवर्ष बदलना अनिवार्य है।
कृषि उपनिदेशक डा. एके मिश्रा मऊ सहित पूर्वी मैदानी क्षेत्रों के लिए कृषि वैज्ञानिकों की इस बाबत की गई संस्तुति का विवरण प्रस्तुत करते हैं। असिंचित दशा में शीघ्र पकने वाली और सीधी बोआई हेतु धान की उपयुक्त प्रजाति गोविंद, नरेंद्र 118, नरेंद्र 97 और वरानी दीप हैं। वरानी दीप को छोड़ नरेंद्र और गोविंद की रोपाई भी की जा सकती है। सिंचित दशा में शीघ्र पकने वाली प्रजाति (100-120 दिन) रत्ना, आईआर-36, नरेंद्र-80, नरेंद्र-118, नरेंद्र-97, पंत धान-12 और आईआर-50 मऊ के लिए सर्वोत्तम है। 120 से 140 दिन में पकने वाली मध्यम अवधि की प्रजातियों में सरजू 52, सीता, पंत धान-4 और नरेंद्र-359 की रोपाई की जानी चाहिए। 140 दिन से अधिक समय में यानी देर से पकने वाली प्रजातियों में क्रास 116, टा-100, टा-9, टा-23, महसूरी और स्वर्णा उपयुक्त हैं जबकि सुगंधित धान की प्रजातियों में टा-3, पूसा बासमती-1, बासमती-370 और कस्तूरी यहां के लिए सर्वोत्तम है। उसर खेत के लिए किसान ऊसर धान-1 की नर्सरी डालें।
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अधिक उत्पादन हेतु संकर धान अपनाएं
कृषि उपनिदेशक डा. मिश्र बताते हैं कि संकर धान का उत्पादन प्रचलित सामान्य प्रजातियों से 10-12 कुंतल प्रति हेक्टेयर अधिक होता है। इनमें बाली एवं दाने, दोनों की संख्या अधिक होती है।
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नाम प्रजाति पकने की अवधि पैदावार प्रति हेक्टेयर
पंत संकर धान-1 115-120 दिन 60-65 कुंतल
नरेंद्र संकर धान-2 125-130 दिन 60-65 कुंतल
प्रो.एग्रो-6111 125-130 दिन 90-95 कुंतल
प्रो एग्रो-6201 125-130 दिन 85-90 कुंतल
पीएचबी-71 125-130 दिन 65-70 कुंतल
केआरएच-2 125-130 दिन 65-70 कुंतल
पीआरएच-10 125-130 दिन 65-70 कुंतल
प्रो एग्रो-6444 125-130 दिन 65-70 कुंतल
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