जरा देर ठहरो राम, तमन्ना यही है
घोसी (मऊ) : 'जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है। अभी हमने जी भर के देखा नहीं है।' यह स्वरचित भजन प्रस्तुत करते हुए किशोर वय गायक प्रदीप कुमार पांडेय ने उम्र से बड़ी प्रतिभा होने का प्रमाण दिया। वह नगर के जूनियर हाईस्कूल में सोमवार की शाम प्रवचन पूर्व भजन प्रस्तुत कर रहा था।
स्थानीय नगर के जूनियर हाईस्कूल में धर्म चेतना समिति के तत्वाधान में सोमवार से नौ दिवसीय मानस पाठ एवं भजन-प्रवचन प्रारंभ हुआ। प्रथम दिन भजन का दायित्व नगर के संगीत महाविद्यालय के प्रशिक्षुओं ने संभाला। अंकित कुमार पांडेय ने 'ओ मइया तूने क्या ठानी मन में, राम सिया को भेज दिए री वन में'। प्रस्तुत कर कार्यक्रम का श्रीगणेश किया। आनंद कुमार ने 'गुरुवर तुमको मेरी लाज' सुनाकर स्वर का परिचय दिया तो प्रदीप ने 'तोहरा बिना राज के चलाई, दुखवा सहल ना जाई' सहित कई भजन सुनाकर भाव-विभोर कर दिया।
तबला पर अब्दुल कादिर हुसैन ने इन कलाकारों का साथ दिया। उधर प्रवचन का शुभारंभ करते हुए वाराणसी के मृदुलाचार्य ने रामचरित मानस की व्याख्या किया। भारत भूमि को तीनों लोकों में अद्वितीय बताया। कहा कि भारत इकलौता देश है जहां पुस्तक, पशु, नदी, पादप एवं गोबर को तक को माता का दर्जा दिया गया है। यह हमारे सनातन धर्म की विशेषता है। इस विशेषता में आस्था के साथ ही प्राकृतिक प्रेम एवं पर्यावरण के संरक्षण के प्रति समृद्ध भाव निहित है। यह भूमि धन्य है जहां निरंतर संत जन निरंतर राम कथा का वाचन एवं श्रवण करते हैं।
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