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    घरों में भरा पानी तो छतों पर डाला डेरा, नाव से आवागमन कर रहे लोग; अब कितना है यमुना का जलस्तर

    वृंदावन में यमुना नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है जिससे बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली है। लगातार पांच दिनों तक जलस्तर बढ़ने के बाद अब यमुना का पानी वापस लौटने लगा है। हालांकि जलमग्न घरों में रहने वाले लोग अभी भी नावों का उपयोग करने को मजबूर हैं लेकिन उन्हें उम्मीद है कि जलस्तर जल्द ही और कम हो जाएगा।

    By Vipin Parashar Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 22 Aug 2025 07:03 PM (IST)
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    यमुना के जलस्तर में गिरावट ने दी राहत

    संवाद सहयोगी, वृंदावन। करीब पांच दिन तक लगातार यमुनाजल में वृद्धि के बाद शुक्रवार की सुबह से यमुना के जलस्तर में गिरावट देखने को मिली। परिक्रमा मार्ग में पहुंचा यमुना का जल यमुना की ओर लौटने लगा है। यमुना के जलस्तर में शुक्रवार को करीब आठ इंच की गिरावट देखने को मिली।

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    ऐसे में बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ तटीय इलाकों की बस्तियों में रह रहे लोगों ने भी राहत की सांस ली है। जबकि जिन घरों में लोग छतों पर रहकर जीवन यापन कर रहे हैं। वे जरूरत पड़ने पर शहर में आवागमन के लिए नाव का उपयोग करने को मजबूर हैं।

    पहाड़ों पर हुई झमाझम बारिश के बाद जब हथनीकुंड व ताजेवाला बांध से यमुना का जल छोड़ा गया तो पिछले पांच दिन से लगातार यमुना के जल में वृद्धि हो रही थी। गुरुवार की सुबह तक यमुना का पानी कालीदह पर परिक्रमा मार्ग में पहुंच गया था। शाम सात बजे यमुना का जल 166.17 मीटर मापा गया। इसके बाद रात में यमुना के बढ़ते जलस्तर स्थित हुआ और शुक्रवार की सुबह यमुना के जलस्तर में गिरावट देखने को मिली।

    करीब आठ इंची पानी में गिरावट देखी गई। ऐसे में परिक्रमा मार्ग में रह रहे लोग व तटीय इलाकों की बस्तियों के लोगों ने तो राहत की सांस ली। लेकिन, जो लोग जलमग्न घरों की छत पर रह रहे हैं उन्होंने भी राहत की सांस ली। उन्हें अब उम्मीद जागने लगी है कि जल्द ही यमुना के जलस्तर में गिरावट होगी और राहत के साथ वे घर के अंदर रह सकेंगे।

    नाव में बैठकर कर रहे आवागमन

    यमुना किनारे खादर में बसी कालोनियों को यमुना के बढ़ते जलस्तर ने अपने आगोश में ले लिया है। ऐसे में कुछ लोगों ने तो घर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों पर डेरा डाला है। जबकि अधिकतर लोग घरों की छत पर रहकर ही गुजारा कर रहे हैं। जरूरत की खरीदारी करने के लिए वे नाव में बैठकर आवागमन कर रहे हैं। पूरे डूब क्षेत्र में नाव संचालन हो रहा है।