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    Yamuna Flood Alert: प्रशासन का अलर्ट, यमुना किनारे ना जाएं... मथुरा में कई गांवों के लोग पानी ने किए 'कैद'

    Updated: Sat, 30 Aug 2025 08:25 AM (IST)

    मथुरा में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है जिससे देहात और खादर क्षेत्रों में हालात बिगड़ गए हैं। कई गांवों में पानी घुस गया है जिससे लोग घरों में कैद हैं और फसलें बर्बाद हो गई हैं। प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है और लोगों को यमुना किनारे जाने से बचने की चेतावनी दी है।

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    शेरगढ़-नोहझील मार्ग पर यमुना के तेज वहाब के कारण पलटे हुए ट्रक को सीधा करती क्रेन। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, मथुरा। यमुना का जलस्तर शुक्रवार को दिनभर ऊपर चढ़ता रहा और शाम तक खतरे के निशान के फिर करीब पहुंच गया। नदी का विकराल रूप अब फिर से देहात और खादर की कालोनियों पर भारी पड़ने लगा है। गांवों में पानी घुसने से लोग घरों में कैद हो गए हैं, वहीं सड़कें ठप होने के कारण पुलिस को आवागमन रोकना पड़ा है। हजारों एकड़ फसल पहले ही नष्ट हो चुकी है, अब मवेशियों के लिए चारा तक नहीं बचा है।

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    खेत-खलिहान फिर से डूब गए हैं। डूब क्षेत्र में यमुना का दायरा बढ़ने से अब स्थिति खतरनाक भी हो चली है। प्रशासन ने शहर से लेकर देहात तक अलर्ट जारी किया है कि लोग यमुना किनारे जाने से बचें और मवेशियों को खादर क्षेत्र की कॉलोनियों से ऊंचे स्थानों पर लेकर जाएं।

    डूब क्षेत्र में यमुना का दायरा बढ़ने से खतरनाक हुई यमुना

    छाता तहसील के बाबूगढ़ गांव में यमुना का पानी तेजी से घुस गया है। ग्रामीणों का कहना है कि फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं, अब पशुओं के लिए चारा की भी समस्या खड़ी हो गई है। ग्राम प्रधान गोविंद सिंह का आरोप है कि शुक्रवार को जलस्तर पहले जैसा बढ़ गया लेकिन प्रशासनिक मदद के लिए कोई अधिकारी गांव नहीं पहुंचा। गांवों में लोग कैद हैं और जो निकलना चाहते हैं, उन्हें खतरनाक बहाव का सामना करना पड़ रहा है।

    प्रशासन ने जारी किया अलर्ट किनारे की तरफ न जाएं लोग, मवेशियों को रखें दूर

    नोहझील-शेरगढ़ मार्ग पर कटान और बहाव इतना तेज हुआ कि पुलिस को रास्ता बंद करना पड़ा। इसका मुख्य कारण यह भी है कि शुक्रवार को नोहझील-शेरगढ़ मार्ग पर भरे पानी के तेज वहाब को पार करने की कोशिश में एक ट्रक पलट गया। क्रेन निकालकर शाम को उसे निकालने का प्रयास किया जा रहा था। चूंकि ग्रामीण भी पैदल पैदल यहां से जान हथेली में रखकर यमुना पार कर रहे थे। इसीलिए पुलिस ने एहतियातन मार्ग बंद कर दिया है। सुरीर, बलदेव के नगला अकोस सहित विभिन्न गांव, मांट और वृंदावन खादर इलाके में बाढ़ का पानी घरों और खेतों में घुसने लगा है।

    कॉलोनियों में पानी एक बार फिर घरों में घुसा

    वृंदावन खादर के सौभरि वन क्षेत्र से लेकर केशीघाट, पानीघाट की कॉलोनियों में पानी एक बार फिर घुसना शुरू हो गया है। मथुरा शहर से जुड़े जयसिंहपुरा के गणेश टीला क्षेत्र में मकानों को पानी ने चारों तरफ से घेर लिया। गलियों में यमुना का पानी बह रहा है और लोगों को एक बार फिर सामान ऊंचे स्थानों व बाढ़ राहत शिविरों की ओर ले जाना पड़ रहा है।

    इस तरह यमुना पहुंचने लगी है खतरे के निशान पर

    • गुरुवार को प्रयागघाट पर जलस्तर 165.55 मीटर से बढ़कर 165.62 मीटर हुआ।
    • शुक्रवार सुबह 6 बजे 165.69 मीटर, दस बजे तक 165.74 मीटर और शाम सात बजे 165.85 मीटर दर्ज किया गया। जो खतरे का निशान 166 मीटर से महज 15 सेमी नीचे है।
    • शुक्रवार सुबह ओखला बांध से 44 हजार क्यूसेक, ताजेवाला से 66 हजार क्यूसेक पानी मथुरा की तरफ छोड़ा गया। जबकि आगरा की तरफ गोकुल बैराज से 75 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया।
    • शाम तक ताजेवाला से 74,012 क्यूसेक, ओखला से 40,216 क्यूसेक और गोकुल बैराज से 80,396 क्यूसेक पानी छोड़ने का सिलसिला जारी था।

    प्रशासन ने चेतावनी दी है कि कोई भी व्यक्ति यमुना किनारे न जाए, क्योंकि पानी ने डूब क्षेत्र को पूरी तरह ढक लिया है और नया किनारा बन गया है। जो कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। वृंदावन और मथुरा के घाटों पर भी नहाने पर रोक लगा दी गई है, क्योंकि अधिकांश घाटों की सीढ़ियां डूब चुकी हैं।