कॉलोनियां डूबीं छतों पर डाला डेरा, टापू बने गांव... मथुरा में यमुना ने फिर किया खतरे का निशान पार
मथुरा में यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिससे कई कॉलोनियां और गांव जलमग्न हो गए हैं। गणेश टीला इलाके में घरों में पानी घुस गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। बाढ़ के कारण पशुओं के लिए चारे की कमी हो गई है और यमुना के किनारे के इलाके में बिजली आपूर्ति बाधित है।

जागरण संवाददाता, मथुरा। यमुना ने 21 अगस्त के बाद एक बार फिर मथुरा-वृंदावन से लेकर देहात के गांवों तक तबाही मचा दी है। शनिवार दिनभर खतरे का निशान 166 मीटर पार कर यमुना 165.06 से लेकर 166.15 मीटर तक बहती रही। उफान इतना तेज था कि कई कॉलोनियां जलमग्न हो गईं, गांव टापू बन गए और घाट पानी में डूब गए।
मथुरा शहर से सटे गणेश टीला के 200 से अधिक मकान के सामने गलियों में दो से लेकर तीन फीट तक पानी भर गया। 10-12 मकानों के अंदर पानी घुस गया। लोग चोरी के डर से मकान छोड़ने को तैयार नहीं हुए। बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री के साथ पशुओं के लिए चारा का संकट पैदा हो गया है।
देहात में हालात और खराब
देहात में भी स्थिति खराब है, यमुना के बहाव ने कई क्षेत्रों में मार्ग बंद कर दिए। यमुना कटान से डूबी नोहझील-शेरगढ़ सड़क पर तेज बहाव में महिलाओं के बहने और फिर संभलने की वीडियो प्रसारित हो रही है। इसी तरह अन्य लोग भी इस मार्ग पर यमुना बहाव में गिरते संभलते नजर आए। परेशान होकर शनिवार शाम को पुलिस ने ट्रक आड़ा खड़ा करवाया। ताकि कोई और जान हथेली पर रखकर यमुना पार न कर सके।
गांव बन गए टापू, खेल डूबे
छाता तहसील का बाबूगढ़ और महावन के नगला अकोस टापू बन गए हैं। मांट के बेगमपुर, भद्रवन और बलदेव के नगला हगा जैसे गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं। खेत डूब चुके हैं, हजारों एकड़ फसल 21 अगस्त के पानी की वजह से पहले ही बर्बाद हो गई थीं। यमुना किनारे वृंदावन, मथुरा, गोकुल, बलदेव और महावन के घाट पानी में समा गए हैं। यमुना मूल दायरे को छोड़कर डूब क्षेत्र में खतरनाक स्थिति में बह रही है।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में बिजली बंद
जलभराव और करंट फैलने की आशंका के चलते वृंदावन और मांट के दर्जनों क्षेत्रों में बिजली काट दी गई। गणेश आश्रम, श्याम नगर, रोहिणी कालोनी, तुलसी वन, टटिया स्थान, केशव नगर, ब्रहम वाटिका और केसी घाट समेत 400 से अधिक उपभोक्ता प्रभावित हैं। एसडीओ वृंदावन संदीप वार्ष्णेय और मांट के अजय कुमार ने स्थिति का निरीक्षण किया और सुरक्षा कारणों से कुछ फीडर बंद किए।
यमुना के जलस्तर में एकबार फिर बढ़ोत्तरी से बढ़ाई बेचैनी
वृंदावन। पहाड़ाें में बारिश थम नहीं रही है, तो मैदानी इलाकों में यमुना के जलस्तर में एकबार फिर बढ़ोतरी हो गई। ऐसे में पिछले कुछ दिनों में डूबक्षेत्र की कालोनियों में यमुनाजल में जो गिरावट दर्ज की गई थी। एकबार फिर दर्जनों कॉलोनियाें के मकानों में यमुना का जल पहुंच गया। यमुना के जल में एकबार फिर से बढ़ोतरी होते ही लोगों में दहशत का माहौल उत्पन्न हो गया।
पानी कम होने पर जो लोग अपने घरों में पहुंच गए थे, दोबारा से जरूरी सामान लेकर सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचने लगे हैं। सबसे अधिक दिक्कत पशु पालकों को उठानी पड़ रही है। अचानक हुई जलवृद्धि से पशुओं को भी सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचाने पर लोग मजबूर हो रहे हैं।
वृंदावन में यहां तक पहुंचा पानी
जुगलघाट, शृंगारवट घाट तक परिक्रमा मार्ग के किनारे तक यमुना का जल पहुंच गया। ऐसे में श्रीजी वाटिका से लेकर श्यामकुटी, मोहिनी नगर, पानीघाट, हुड़दंग नगर समेत दर्जनों कालोनियों के घरों के अंदर करीब तीन से चार फीट तक पानी भर गया और लोग एकबार फिर घरों को छोड़कर सुरक्षित ठिकानों को ओर निकल पड़े।
ब्रह्मांड व रमणरेती घाट डूबे
महावन। यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने लगा है अब महावन गोकुल में घाट डूबने लगे हैं। यमुना खादर की खेती पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। गोकुल में ठकुरानी घाट के समीप बनी पार्किंग में पानी भर गया है।
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