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    मथुरा में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, केसी घाट डूबा; परिक्रमा मार्ग तक आया पानी

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 11:22 AM (IST)

    यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है जो 166.21 मीटर तक पहुंच गया है। प्रशासन अलर्ट पर है क्योंकि बांधों से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है। मथुरा में वर्ष 2023 की बाढ़ से भी अधिक हालात होने की आशंका है। डीएम ने आपात बैठक बुलाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।

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    बांध का पानी बिगाड़ेगा हालात, टूटेगा 2023 की बाढ़ का रिकार्ड

    जागरण संवाददाता, मथुरा। सोमवार की सुबह बांधों से साढ़े तीन लाख क्यूसेक से अधिक पानी यमुना में छोड़े जाने से जिले के हालात अब बिगड़ते दिखाई दे रहे हैं। दो दिन बाद बाढ़ के हालात भयावह होंगे। ये पानी वर्ष 2023 में आई बाढ़ का रिकार्ड तोड़ेगा। बाढ़ के हालात को लेकर डीएम ने आपात बैठक बुलाकर अधिकारियों को राहत कार्य में लगा दिया है। अब प्रशासन बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से लोगों को राहत शिविर में शिफ्ट करेगा।

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    चार दिन से यमुना नदी में बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है। दो दिन पूर्व यमुना नदी में खतरे का निशान पानी में डूब गया है। रविवार को यमुना नदी का जलस्तर 166.21 मीटर था, जो सोमवार को स्थिर रहा। खादर में पानी भर गया है। लोग पलायन करने लगे हैं। वृंदावन में केसी घाट की सीढ़ियां पानी में डूब गई हैं।

    सुरक्षा को देखते हुए बंद की परिक्रमा

    यमुना का पानी परिक्रमा मार्ग में छह फीट तक भर गया। सुरक्षा को देखते हुए परिक्रमा बंद कर दी गई है। वराह घाट, कालीदह, पानी घाट, क्षेत्र में खादर में यमुना का पानी घुस गया है। बढ़ते जलस्तर से नाव व स्टीमर का संचालन बंद हो गया। सुबह ताजेवाला, हिंडन और ओखला बांध से 3.63 लाख क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ा गया है। अब दो दिन बाद ये पानी मथुरा में पहुंचेगा, जिससे जिले में वर्ष 2023 में आई बाढ़ से अधिक हालात होंगे।

    ये है यमुना का जलस्तर

    • 166 मीटर पर यमुना में खतरे का निशान, 21 सेंटीमीटर ऊपर बह रही यमुना।
    • 166.21 मीटर पहुंचा यमुना का जलस्तर, मंगलवार को बढ़ने की संभावना।
    • 3.11 लाख क्यूसेक पानी ताजेवाला बांध से यमुना नदी में मथुरा की ओर छोड़ा।
    • 52 हजार क्यूसेक पानी ओखला और हिंडन बांध से यमुना में छोड़ा गया।
    • 99,119 क्यूसेक पानी गोकुल बैराज से आगरा की ओर यमुना में छोड़ा गया।

    डीएम और एसएसपी ने की बैठक

    बाढ़ के हालात को लेकर डीएम चंद्र प्रकाश एवं एसएसपी श्लोक कुमार ने सोमवार की शाम जिला बाढ़ योजना समिति की आपात बैठक बुलाई। ग्राम स्तर पर टीम बनाने, जिला पंचायती राज विभाग, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व, पुलिस, पशुपालन, बिजली, विकास विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को क्षेत्र में तैनात रहने, चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने, निरंतर एंटी लार्वा का छिड़काव कराने, एंटी स्नैक वैक्सीन शिविर में रखने के निर्देश दिए।

    चार से छह सितम्बर तक खतरनाक लेवल के पास पहुंचने की उम्मीद

    डीएम ने बताया, यमुना जलस्तर में चार से छह सितंबर के बीच जलस्तर खतरनाक लेवल के आसपास पहुंच सकता है। सभी एसडीएम बाढ़ प्रभावित क्षेत्र चिह्नित कर सभी परिवार व पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कराएं। खाने-पीने व सोने की व्यवस्था की जाए। डीएसओ को प्रभावित क्षेत्र में राशन की आपूर्ति के निर्देश दिए। शेल्टर होम में भोजन, पेयजल, सफाई, मोबाइल टायलेट, शौचालय, मेडिकल टीम, विद्युत, जेनरेटर, पंखे हों।

    पशुओं के लिए चारे और भूसा की व्यवस्था करने के निर्देश

    पशु चिकित्साधिकारी को हरा चारा, भूसा आदि व्यवस्था करने को कहा। 10 हजार पशुओं को शिफ्ट कराने का लक्ष्य रखा जाए। सिंचाई विभाग को जलस्तर पर लगातार नजर बनाए रखने के साथ समय से सूचना देने को कहा। नगर निगम एवं ईओ को अपने क्षेत्र में पशुओं के भोजन तथा उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कराने को कहा। नाव व स्टीमर की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। पुलिस से प्रभावित क्षेत्र व सड़कों पर बैरियर व बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों का आवागमन रोकने को कहा। नौहझील के गांव अड्डा मल्हान, बाघर्रा में एसडीएम रितु सिरोही, तहसीलदार बृजेश कुमार ने बाढ़ पीड़ितों का हाल जाना।

    पानी में डूबे ट्रांसफारमर, 500 घरों की बिजली बंद

    भक्ति विहार कॉलोनी में दो, श्रीजी वाटिका कॉलोनी में दो, कालिंदी विहार में एक ट्रांसफारमर व एलटी लाइन पानी में डूब जाने से बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है। 500 उपभोक्ताओं की आपूर्ति बंद होने से लोगों को अंधेरे में रहना पड़ रहा है।

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