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    यमुना मिशन ने कब्जाई नदी की भूमि पर चला सात साल बाद बुलडोजर

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 28 Jun 2022 06:23 AM (IST)

    करोड़ों रुपये मूल्य की 50 एकड़ भूमि पर कचे-पक्के निर्माण कर रोप दिए थे पौधे नगर निगम ने एनजीटी के आदेश पर की कार्रवाई आज भेजी जाएगी अनुपालन आख्या

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    यमुना मिशन ने कब्जाई नदी की भूमि पर चला सात साल बाद बुलडोजर

    जागरण संवाददाता, मथुरा: यमुना नदी के किनारे रेतिया मुहाल, जयसिंहपुरा खादर, चक्रतीर्थ घाट और गऊ घाट क्षेत्र में यमुना मिशन संस्था के कब्जों पर नगर निगम का सात साल बाद बुलडोजर चला। इस समयावधि में संस्था ने करोड़ों रुपये मूल्य की करीब 50 एकड़ भूमि पर कच्चे-पक्के और पेड़-पौधे लगाकर कब्जा कर लिया था।

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    नदी किनारे निकाली जा रही समानांतर सड़क और बनाए जा रहे नालों को लेकर संस्था की नीयत में खोट नजर आया तो लोगों ने एनजीटी की शरण ली। एनजीटी के आदेश पर नगर निगम ने अतिक्रमण हटाए जाने की कार्रवाई की। मंगलवार को निगम एनजीटी के आदेश की अनुपालन आख्या भेज देगा। इसके साथ ही अतिक्रमण को हटाने की भी कार्रवाई जारी रहेगी।

    यमुना मिशन संस्था ने फरवरी 2015 से यमुना नदी के बहाव क्षेत्र में पेड़-पौधों को रोपने का कार्य आरंभ कर अतिक्रमण करना आरंभ किया। धीरे-धीरे कर संस्था ने रेतिया मुहाल, जयसिंहपुरा खादर, चक्रतीर्थ घाट और गऊ घाट कच्चे-पक्के निर्माण भी करा दिए। कई घाटों को कब्जा कर गहरी झील में बदल दिया। यमुना की धारा को भी मोड़ दिया गया। सड़क और नाले भी बनवा दिए गए। जिस तरह संस्था सड़क निर्माण करा रही थी, उससे लोगों को संस्था की नीयत साफ नहीं दिखी। लोगों ने संस्था की शिकायत करना शुरू किया, अधिकारी खामोश रहे। संस्था ने सदर बाजार तक कच्ची सड़क भी नदी के समानांतर बना दी।

    बिहारी लाल चतुर्वेदी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में यमुना मिशन ने यमुना डूब क्षेत्र में किए गए अतिक्रमण को लेकर याचिका दायर की और 28 फरवरी 21 को डीएम द्वारा गठित संयुक्त कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए एनजीटी ने 11 मार्च 2022 को 30 जून तक अतिक्रमण हटाने के आदेश किए। अनुपालन आख्या नगर निगम को प्राधिकरण के रजिस्ट्रार जनरल के यहां दाखिल करने के आदेश भी दिए। एनजीटी के आदेश के बाद नगर निगम ने यमुना मिशन के कार्यों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। बनाए गए नाले और सड़क पर कोई कार्रवाई नहीं की।

    -पकड़ी गई थी बिजली चोरी

    यमुना मिशन ने नदी की भूमि पर अवैध कब्जे करने के लिए बिजली की चोरी भी की। विद्युत निगम की विजिलेंस टीम ने क्षेत्रीय एसडीओ मसानी गौरव कुमार की मौजूदगी में छापा मारा। टीम को चार सबमर्सिबल चलते मिले, जो बिजली चोरी कर चलाए जा रहे थे। यमुना मिशन के संस्थापक प्रदीप बंसल निवासी हरा फाटक मुहल्ला मानिक चौक के नाम 6 जुलाई 2021 को विद्युत चोरी निरोधक थाना कृष्णा नगर में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। करीब 4.17 लाख रुपये की बिजली चोरी हुई थी। -यमुना नदी किनारे यमुना मिशन ने किए कब्जे को हटाने की कार्रवाई आरंभ कर दी गई है। मंगलवार को एनजीटी को अनुपालन आख्या रिपोर्ट भेज दी जाएगी। अतिक्रमण का हटाने का कार्य भी जारी रहेगा। पौधों का नहीं तोड़ा जा सकता है।

    -राजकुमार मित्तल, सहायक नगर आयुक्त गुमराह कर रहा नगर निगम : विश्वधर्म रक्षक दल के विजय चतुर्वेदी ने नगर निगम पर आरोप लगाया, अतिक्रमण हटाने के नाम पर गुमराह किए जाने की कोशिश की जा रही है। यमुना मिशन ने पुराने घाटों के आगे 30 फीट ऊंची कच्ची सड़क बना दी। वृंदावन से गोकुल तक गोचर भूमि कब्जा ली गई। झूला, कच्चे-पक्के निर्माण को हटाकर एनजीटी को गुमराह किया जा रहा है। उनका कहना है, यमुना मिशन के संस्थापक के खिलाफ निगम को रिपोर्ट दर्ज करानी चाहिए।