मथुरा में यमुना विकराल: घाट डूबे और टापू बनी खादर, बाजार मार्ग पर आया बाढ़ का पानी
मथुरा में यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिससे बंगाली घाट विश्राम घाट और गोकुल घाट जैसे इलाके जलमग्न हो गए हैं। रावल में निर्माणाधीन मकान की दीवार गिर गई है। नौहझील में छिनपारई गांव टापू बन गया है और लोगों को नाव से निकाला जा रहा है। प्रशासन जलस्तर पर नजर रख रहा है और प्रभावित लोगों को सहायता पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।

जागरण संवाददाता, मथुरा। यमुना नदी अब विकराल रूप ले चुकी है। यमुना खतरे के निशान 166 मीटर से 1.23 मीटर ऊपर बह रही है। शहरी क्षेत्र में यमुना किनारे बने घाट डूब गए और पानी बाजार मार्ग पर आ गया। रविवार की सुबह तक विश्राम घाट मार्ग पर बनी दुकानों में पानी भर जाएगा। यमुना की खादर टापू बन गया है।
गोकुल, रमणरेती, वंशीवट, रावल के अंदर तक पानी भर गया। रावल में निर्माणाधीन मकान की दीवार गिर गई, हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई है। नौहझील, शेरगढ़ व मांट के कई गांवों में पानी पहुंच गया। अब तक जो लोग मकानों की छतों पर डेरा जमाए थे, उन्होंने भी मकान खाली कर दिए।
बंगाली घाट, स्वामी घाट, विश्राम घाट, गोकुल घाट पानी में डूबे
सातवें दिन शनिवार को यमुना अपने विकराल रूप में नजर आईं। यमुना का जलस्तर बढ़कर 167.23 मीटर पहुंच गया। शहरी क्षेत्र में स्वामी घाट पर बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को क्रास कर पानी सड़क पर आ गया। विश्राम घाट में करीब छह फीट पानी भर गया। यहां एक फीट पानी बढ़ा तो बाजार मार्ग पर पानी आ जाएगा। बंगाली घाट से विश्राम घाट जाने वाले मार्ग पर करीब डेढ़ फीट पानी भर गया। इस पर प्रशासन ने बंगाली घाट पर टिनशेड लगाकर आवागमन रोक दिया है।
रमणरेती में भी कई फीट भरा यमुना का पानी
श्रद्धालुओं व आम लोगों को भी अंदर जाने से रोका जा रहा है। यमुना की खादर में गणेश टीला खादर में कई फीट पानी भर गया। ये क्षेत्र पूरा टापू बन गया है। अब तक चोरी के डर से मकानों की छत पर रह रहे लोगों ने भी अब सुरक्षित ठिकानों पर पहुंच गए। भक्तिधाम कालोनी की गली में छह फीट तक पानी भर गया। यहां के दर्जनों मकानों में पानी भर गया। दिनभर लोग सामान निकालने में जुटे रहे।
रावल के राधारानी मंदिर में बाढ़ का पानी पहुंचा
वहीं शनिवार की सुबह रावल गांव में पानी पहुंच गया। कई मकानों में पानी भर जाने से लोगों ने सामान को समेटने में जुटे रहे। रावल के राधारानी मंदिर प्रांगण में बाढ़ का पानी भरने पर श्रद्धालुओं को नाव की सहायता से मंदिर पहुंचाया गया। बैराज से गोकुल में नीचे घाटों पर कई फीट पानी भर गया। रमणरेती परिसर में भी यमुना का पानी पहुंच गया।
कोइला घाट पर कान्हा के चरण छूने को बेताब यमुना
टाउनशिप। कोइला घाट पर वासुदेव की सिर पर रखे सूप में विराजमान कान्हा को लेकर जाने की मूर्ति लगी है। यहां यमुना का जलस्तर काफी भर गया है। वसुदेव जी का चेहरा पानी में डूब गया है। आसपास के लोग यहां यमुना का जलस्तर देखने के लिए पहुंच रहे हैं। लोगों का कहना है कि यमुना मैया कान्हा के चरण स्पर्श करने के लिए बेताब हैं। अगर एक फीट पानी और बढ़ा तो यमुना कान्हा के चरण स्पर्श कर लेंगी और फिर पानी कम होने लगेगा।
सूप में रखकर ले जाते हुए कान्हा की मृर्ति स्थापित कराई है
लोगों का कहना है कि यमुना पार करते समय वसुदेव के सिर तक पानी आ गया तब उन्होंने कहा था कि कोई कान्हा को ले ले, तभी से इसका नाम कोइले पड़ गया। बाद में इसका नाम कोइला घाट हो गया। घाट पर ब्रज फाउंडेशन ट्रस्ट ने वसुदेवजी की कान्हा को सूप में रखकर ले जाते हुए की मृर्ति स्थापित कराई है। यमुना का पानी कोइला अलीपर, करनावल, लाडपुर, मदनपुरा, गोशाला, आमला, सुल्तानपुर में पहुंच गया है। औरंगाबाद क्षेत्र के खेतों में पानी भरने से सैकड़ों बीघा फसल डूब गई। प्रशासन की टीम जलस्तर की निगरानी कर रही हैं।
रावल में निर्माणाधीन मकान की दीवार गिरी
महावन। रावल निवासी बंशीलाल अपने मकान का निर्माण करा रहे हैं। वर्षा एवं बाढ़ का पानी घर के पीछे आने पर उन्होंने काम बंद करा दिया था। शुक्रवार की रात्रि 12 बजे बाढ़ का पानी घर में घुस गया। शनिवार की सुबह अचानक मकान की दीवार गिर गई। छत भी क्षतिग्रस्त हुई है। प्रशासन से मुआवजा की मांग की है।
ये है जलस्तर
- 166 मीटर है यमुना नदी में खतरे का निशान।
- 167.23 मीटर पहुृंचा यमुना नदी का जलस्तर।
- 177.24 मीटर नौहझील में यमुना का जलस्तर।
छिनपारई बना टापू, नाव से निकाले ग्रामीण
नौहझील। क्षेत्र में यमुना में जलवृद्धि से तटवर्ती गांव में पानी घुस गया है। नौहझील-शेरगढ़ मार्ग पर छह फीट पानी भर गया है। आवागमन पूरी तरह बंद है। तटवर्ती गांव छिनपारई के 20 मकानों में पानी भर गया। नाव के जरिए प्रशासन ने मकानों को खाली कराया है। ये गांव टापू बन गया है। शेरगढ़ के बाबूगढ़ में भी पानी भर गया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस बार वर्ष 2023 में भी आई बाढ़ से अधिक पानी आया है, जिससे ग्रामीण प्रभावित हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।