गुरुपूर्णिमा पर बिक जाएंगी करोड़ों की कंठी-माला
वृंदावन: गुरु पूर्णिमा पर तुलसी की कंठी का कारोबार चरम पर होगा। कंठी
जागरण संवाददाता, वृंदावन: गुरु पूर्णिमा पर तुलसी की कंठी का कारोबार चरम पर होगा। कंठी माला कारीगर अब अपने काम मं दिन-रात व्यस्त चल रहे हैं। तुलसी की कंठी-माला की दुकानें भी सजने लगी हैं। आश्रमों से मिले तुलसी की कंठी के बड़े आर्डरों ने दुकानदारों के चहरे पर मुस्कान ला दी है। करीब दस करोड़ के कारोबार का अनुमान लगाया जा रहा है।
गुरु पूर्णिमा के दिन संत अपने शिष्यों को दीक्षा देने के साथ एक तुलसी की कंठी भी प्रदान करते हैं। जो उस संप्रदाय के निशानी के तौर पर शिष्य को गले में धारण करनी पड़ती है। इसके अलावा पुराने शिष्य भी नई कंठी गुरु पूजन के दौरान प्रसादी के रूप में ग्रहण कर धारण करते हैं। यही कारण है कि हर आश्रम से तुलसी की कंठी-माला की मोटी डिमांड पहले ही बाजार में पहुंच चुकी है, जो गुरु पूर्णिमा से पहले दुकानदारों को पूरी करनी ही है।
शाहजी मंदिर के समीप तुलसी की कंठी-माला का कारोबार करने वाले कन्हैया शर्मा कहते हैं कि शहर में करीब एक हजार नए और पुराने आश्रम हैं। इनमें दर्जन भर आश्रम ऐसे हैं कि करीब दस से पंद्रह हजार शिष्य गुरु पूजन और गुरु दीक्षा के लिए पहुंचते हैं। दूसरे आश्रमों में ये आंकड़ा भले ही कम हो। औसतन हर आश्रम में करीब 1200 तुलसी की कंठी के आधार पर वृंदावन में गुरु पूर्णिमा के दिन ही 1 लाख 20 हजार कंठी की डिमांड शहर के तुलसी कंठी माला कारोबारियों को मिली है। इसकी लागत दस रुपये से शुरू होकर पचास रुपये तक की होती है। दस रुपये की कंठी की गुरु पूर्णिमा पर सबसे अधिक डिमांड होती है। यही कारण है कि गुरु पूर्णिमा के एक ही दिन में तुलसी की कंठी-माला का कारोबार करोड़ों में पहुंच जाएगा। -आम दिनों में 50 हजार कौड़ी कंठी की डिमांड
गुरु पूर्णिमा पर्व की बात छोड़ भी दें तो आम दिनों में एक महीने में शहर में करीब 50 हजार कौड़ी तुलसी की कंठी-माला का कारोबार हो जाता है। एक कौड़ी में 20 कंठी माला होती है। इनके दाम दस रुपये से 50 रुपये एक कंठ माला के बताए गए हैं।
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