दुर्लभ जीव-जंतुओं के अंग बेचने राजस्थान से गोवर्धन पहुंचे थे तस्कर, इस स्मगलर के बुलाने पर आए यूपी
दुर्लभ वन्यजीवों की हत्या कर उनके अंगों की तस्करी करने वाले गिरोह की जांच में कई महत्वपूर्ण खुलासे होने की उम्मीद है। यह एक बड़ा नेटवर्क है जो तंत्र क्रिया सहित अन्य अवैध उपयोग के लिए अंगों की खरीद–फरोख्त करता था। गिरोह के सदस्य गोवर्धन में किसी ग्राहक की मांग पर ये अंग बेचने पहुंचे थे।

जागरण संवाददाता, मथुरा। दुर्लभ वन्य जीव जंतुओं की हत्या कर उनके अंगों की तस्करी करने वाले गिरोह की जांच में कई रहस्य सामने आएंगे। ये बड़ा नेटवर्क है जो जीव जंतुओं की हत्या कर तंत्र क्रिया आदि के लिए इनके अंगों की तस्करी करता था। ये तस्कर गोवर्धन में किसी की मांग पर ये अंग बेचने आए थे।
कासगंज के तस्कर को पुलिस लगातार ट्रेस कर रही थी। इसी तस्कर ने फिरोजाबाद के साथियों को गोवर्धन बुलाया था। तीनों पुलिस के हत्थे चढ़ गए। फिरोजाबाद के तस्कर राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी में ताबीज, कंठीमाला बेचने की दुकान करते थे।
नई दिल्ली की वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो से वन विभाग को कासगंज के सहावर थाना के गांव हीरापुर निवासी विकास कुमार के गोवर्धन में वन्य जीव जंतुओं के अंगों की बिक्री करने आने की सूचना मिली थी। वन विभाग की टीम विकास को ट्रेस करने में जुट गई। करीब तीन घंटे बाद विकास को ट्रेस कर लिया और सादा कपड़ों में टीम के सदस्य उसकी निगरानी करने लगे। कुछ देर में विकास से दो अन्य साथी मिले।
इन तस्करों को भनक तक नहीं लगी कि उनकी निगरानी की जा रही है। टीम ने तीनों को दबोच लिया। क्षेत्रीय वन अधिकारी अतुल तिवारी ने बताया, फिरोजाबाद के वीरेंद्र व संजय कुमार राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी में कंठीमाला, रुद्राक्ष, ताबीज आदि की दुकान करते हैं। ये राजस्थान के जंगल से दुर्लभ जीव-जंतुओं की हत्या कर उनके अंग जुटाते थे।
इसके बाद ये लोगों को मांग के अनुसार उपलब्ध कराते थे। मोबाइल नंबरों को ट्रेस किया जा रहा है। उन्होंने बताया, कासगंज के विकास को वनविभाग की टीम ने खरीदार बनकर बुलाया था। इस पर विकास ने अपने साथी फिरोजाबाद निवासी दोनों को गोवर्धन बुलाया था।
वन विभाग की टीम में ये रहे शामिल
क्षेत्रीय वन अधिकारी आशीष सिंह, अतुल कुमार तिवारी, ओमवीर सिंह, वनरक्षक कुशलपाल सिंह, लाखन सिंह आदि।
वर्ष 2019 में पकड़ा गया था तस्करी का मामला
आठ दिसंबर, 2019 को राजस्थान के झुंझनूं से आई वन विभाग की टीम ने मथुरा शहर में कंठीमाला व तस्वीर बेचने वाले दुकानदार कन्हैयालाल को वृंदावन से पकड़ा था। उसकी दुकान से शेर के 908 नाखून, विषखापर के 1255, हिरण के शरीर से निकाली गई कस्तूरी के 17 पैकेट, समुद्री फेन के 818, कोबरा सांप की केंचुली, बिल्ली के जेर 12, समुद्री मछली के कंकाल बरामद हुए थे। इसकी गिरफ्तारी झुंझनूं में एक तस्कर के पकड़े जाने पर हुई थी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।