मथुरा में इम्पेटिगो-स्ट्रेप्टोकोकल वायरस की दहशत, डॉक्टर ने दी बच्चों में ये सावधानियां बरतने की सलाह
मथुरा जिले में इम्पेटिगो और स्ट्रेप्टोकोकल वायरस के संक्रमण से लोग परेशान हैं खासकर बच्चे। हर दिन लगभग 50 मरीज सरकारी अस्पतालों में आ रहे हैं। डॉक्टर इसे इम्पेटिगो बता रहे हैं और लोगों को साफ सफाई रखने की सलाह दे रहे हैं। यमुना में बाढ़ के बाद गंदगी से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। समय पर इलाज और सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।

जागरण संवाददाता, मथुरा। इम्पेटिगो, स्ट्रेप्टोकोकल वायरस की दस्तक से हर कोई हैरान है। ये वायरस बच्चे व बड़ों को शिकार बना रहा है। हर दिन सरकारी अस्पतालों में 50 के आसपास मरीज आ रहे हैं। लेकिन, जिले के डॉक्टर इस वायरस की पुष्टि नहीं कर रहे हैं।
डाक्टर इसे इम्पेटिगो, स्ट्रेप्टोकोकल वायरस बता रहे हैं। अब तक जिले में मुंह में छाले का एक भी मरीज न होना भी बताया गया है। इस वायरस के तेजी से फैलने के कारण अभिभावक दहशत में हैं।
50 लोग हर दिन आ रहे सरकारी अस्पताल
यमुना में आई बाढ़ के बाद शहर व देहात के प्रभावित क्षेत्र में इन दिनों गंदगी पसरी हुई है। नगर निकाय की टीमें सफाई में जुटी हैं। इस मौसम में त्वचा संबंधी बीमारी तेजी से फैलने लगी हैं। जिला अस्पताल के चर्म रोग विशेषज्ञ के पास हाथ व पैर में छाले के हर दिन 50 से 60 मरीज आ रहे हैं। डॉक्टर इसे इम्पेटिगो और स्ट्रेप्टोकोकल वायरस बता रहे हैं।
हाल यह है कि ये छाले की बीमारी बच्चों में सर्वाधिक पाई जा रही है। इसको लेकर अभिभावक भी चिंतित नजर आ रहे हैं। लेकिन, हैंड फुट माउथ वायरस की पुष्टि नहीं कर रहे।
जिले में मुंह में छालों का एक भी मरीज नहीं
चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शिवानी शर्मा की ओपीडी में 300 मरीज हर दिन आ रहे हैं।
- हर दिन 15-20 बच्चे हाथ-पैर, पेट और माथे पर छाले और लाल दाने की शिकायत लेकर आ रहे हैं। इनमें युवतियां और महिलाएं भी शामिल हैं।
- कई बच्चों में मुहांसे जैसी चकत्ते, खुजली, जलन और सफेद पानी निकलने जैसी स्थिति देखी जा रही है। कान और शरीर के कमजोर हिस्सों पर सफेद दाग व सड़न जैसी स्थिति भी बन रही है।
- ये संक्रमण एक-दूसरे में तेजी से फैलता है। इसीलिए लोगों को साफ सफाई, धुले हुए कपड़े पहनने और गंदगी से दूर रहने की सलाह दी जा रही है।
जिला महिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ओमप्रकाश ने बताया, कि 80 में से करीब 20 बच्चे इम्पेटिगो और स्ट्रेप्टोकोकल संक्रमण की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं। लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि इस वायरस को हल्के में न लें, बल्कि समय पर इलाज कराएं।
ये बरतें सावधानी
जिला अस्पताल के डॉक्टर अमन वर्मा ने बताया, इस तरह के मरीजों एवं पूरे परिवार के सदस्यों को पानी उबालने के बाद छानकर पीना चाहिए। आजकल वर्षा के बाद आई बाढ़ के कारण नलकूपों के श्रोत भी खराब हो गए हैं। पानी में अम्लीय या अन्य तत्व घुल जाते हैं। इसीलिए बैक्टीरिया खत्म करने के लिए पानी उबालना जरूरी है।
डॉक्टर ने बताया सामान्यतः 10-15 दिन में ठीक से इलाज हो, एंटीबायोटिक व दवाएं समय पर दी जाएं तो संक्रमण खत्म हो सकता है। स्वच्छता पर ध्यान देना होगा, पसीने के बाद कपड़े बदलना और बच्चों को साफ कपड़े पहनाना जरूरी है।
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