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    Banke Bihari: प्राकट्याेत्सव पर बांकेबिहारी को चांदी के रथ पर बैठ बधाई देने निकलेंगे स्वामी हरिदास, 150 वर्ष की है परंपरा

    Banke Bihari Mandir Vrindavan Mathura News स्वामी हरिदास के लड़ैते ठा. बांकेबिहारी का प्राकट्योत्सव 17 नवंबर को विहार पंचमी के रूप में मनेगा। शोभायात्रा में देशभर के श्रद्धालु शामिल होकर आराध्य बांकेबिहारी के जन्मदिन की खुशी मनाएंगे। चांदी के डोले में बैठ बधाई देने निकलेंगे स्वामी हरिदास। करीब डेढ़ सौ साल से इसी तरह बधाई यात्रा निकलती आ रही है।

    By Vipin ParasharEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sat, 16 Dec 2023 01:52 PM (IST)
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    Banke Bihari Mandir: मंदिर से निधिवन तक छाएंगी रंगत, निकलेगी शोभायात्रा

    संवाद सहयोगी, वृंदावन/मथुरा। ठा. बांकेबिहारी का प्राकट्योत्सव 17 नवंबर विहार पंचमी पर उल्लासपूर्ण तरीके से मनाया जाएगा। आराध्य की प्राकट्यस्थली निधिवन राज मंदिर से लेकर बांकेबिहारी मंदिर तक हर ओर उल्लास छाएगा।

    भोर में प्राकट्यस्थली के महाभिषेक के बाद चांदी के रथ में बैठ संगीत सम्राट स्वामी हरिदास अपने लड़ैते ठा. बांकेबिहारीजी को जन्मोत्सव की बधाई देने शोभायात्रा के रूप में निधिवन राज मंदिर से ठा. बांकेबिहारी मंदिर के लिए रवाना होंगे। 

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    17 नवंबर को विहार पंचमी के रूप में मनेगा

    स्वामी हरिदास की साधना से प्रसन्न होकर वृंदावन स्थित निधिवन में विक्रम संवत 1563 की मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी को ठा. बांकेबिहारी प्रकट हुए थे। आज यहां निधिवन राज मंदिर है। यहां ठा. बांकेबिहारी की प्राकट्यस्थली है। इसी दिन को ब्रज में विहार पंचमी के रूप में मनाया जाता है।

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    स्वामी हरिदास निधिवन के कुंजों में प्रतिदिन नित्य रास और नित्य विहार का दर्शन करते थे। अत्यंत सुंदर पद गाया करते थे। स्वामी हरिदास को राधारानी की सखी ललिता सखी का अवतार बताया जाता है।

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    चांदी के डोले में बैठ बधाई देने निकलेंगे स्वामी हरिदास

    प्राकट्योत्सव पर निकलने वाली बधाई यात्रा में प्रतीकात्मक तौर पर स्वामी हरिदास निधिवन राज मंदिर से चांदी के डोले में बैठ शोभायात्रा के साथ बधाई देने बांकेबिहारी मंदिर जाएंगे। करीब डेढ़ सौ साल से इसी तरह बधाई यात्रा निकलती आ रही है।

    निधिवन राज मंदिर के सेवायत भिक्की गोस्वामी ने बताया कि उत्सव परंपरागत तरीके से मनाया जाएगा।

    • निधिवन राज मंदिर में सुबह पांच बजे ठाकुरजी की प्राकट्यस्थली का पंचगव्य से महाभिषेक होगा
    • महाभिषेक के बाद आरती और बधाई गायन शुरू होगा
    • बधाई गायन के बाद चांदी के रथ में विराजमान होकर स्वामी हरिदास ठाकुरजी को बधाई और तिलक लेकर मंदिर के लिए रवाना होंगे
    • शोभायात्रा में नागपुर समेत देश के विभिन्न शहरों के नामचीन बैंड, विभिन्न झांकियां शामिल होंगी
    • देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालु शोभायात्रा के आगे सोहनी सेवा करते हुए चलेंगे
    • दोपहर को मंदिर पहुंचकर ठाकुरजी को स्वामी हरिदास जन्मोत्सव की बधाई देंगे
    • तब सेवायत ठाकुरजी और स्वामीजी को राजभोग अर्पित करेंगे

    शाम को होंगे ये आयोजन

    शयनभोग सेवाधिकारी आचार्य गोपी गोस्वामी ने बताया शाम को शयनभोग सेवा में बेशकीमती पोशाक धारण कर आराध्य बांकेबिहारीजी जब भक्तों को दर्शन देंगे, तो उनके आगे छप्पन प्रकार के व्यंजन भोग में परोसे जाएंगे। जन्मोत्सव पर पहलीबार मंदिर में ठाकुरजी के छप्पनभोग दर्शन होंगे। इसी दौरान हरिदासीय संप्रदाय के संत समाज गायन में ठाकुरजी को बधाई देंगे।