UPSC Fraud Case: 13.95 लाख रुपये और 19 सोने के सिक्के बरामद, यूपीएससी में अफसर बनाने के नाम पर ठगने वाला गिरफ्तार
मथुरा पुलिस ने यूपीएससी में अफसर बनाने के नाम पर ठगी करने वाले पिता को गिरफ्तार किया है। आरोपित के पास से लाखों रुपये और सोने के सिक्के बरामद हुए हैं। बेटे को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। मुनफेद नामक व्यक्ति ने फेसबुक के जरिए महिला को झांसा दिया और उनसे पैसे लिए थे।

जागरण संवाददाता, मथुरा। यूपीएससी में ऑफिसर बनाने के नाम पर 27 लाख रुपये और 19 सोने के सिक्कों की ठगी करने के आरोपित पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से 13.95 लाख रुपये और 19 सोने के सिक्के बरामद किए हैं। इस घटना के आरोपित पुत्र को पुलिस दो दिन पूर्व वाराणसी से गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
पुलिस लाइन सभागार में एसपी क्राइम अवनीश मिश्र ने पत्रकारों को बताया, गोवर्धन थाना क्षेत्र के देवसेरस निवासी मुनफेद ने फेसबुक पर अभिजीत नाम से हरियाणा के पानीपत जिले के माडल टाउन विराट नगर निवासी अदिता शर्मा से संपर्क साधा।
महिला की बेटी को यूपीएससी में अफसर के पद पर नौकरी दिलाने का झांसा दिया और खुद को आयोग से जुड़े अधिकारी संदीप शर्मा का परिचित बताया। वाट्सएप काल के जरिए संदीप ने महिला से 60 लाख रुपये मांगे थे। बाद में सौदा 50 लाख में तय हुआ। 21 मई को मुनफेद ने महिला को मथुरा रुपये देने के लिए बुलाया। महिला से सात लाख रुपये और 19 सोने के सिक्के (कुल कीमत करीब 19 लाख) लिए।
मोबाइल आया बंद
नौ जून को फिर 20 लाख रुपये लिए। इसके बाद मोबाइल बंद कर दिया। संपर्क नहीं होने पर महिला को ठगी का अहसास हुआ। पीड़िता ने कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज कराया। दूसरी तरफ मुनफेद ने वाराणसी पुलिस आयुक्त का पीआरओ बनकर तीन महिलाओं से भी ठगी की। ऐसे में वह वाराणसी पुलिस के शिकंजे में फंस गया। पूछताछ में मुनफेद ने बताया कि वह ठगी की पूरी रकम और सोने के सिक्के अपने पिता आमीन को सौंप चुका है।
शुक्रवार को कोतवाली नगर पुलिस ने देवसेरस गांव से डींग रोड की ओर जाने वाले रास्ते पर घेराबंदी कर आमीन को दबोच लिया। उसके पास से विभिन्न कंपनियों 190 ग्राम वजन के 19 सोने के सिक्के व 13.95 लाख रुपये बरामद हुए। टीम में प्रभारी निरीक्षक देवपाल सिंह पुण्डीर, उप निरीक्षक मांगेराम, कुशलपाल सिंह, अजय कुमार, अरविंद सिंह सिवाल, हेड कांस्टेबल कुलदीप कुमार, कांस्टेबल धीरज कुमार व धर्मेंद्र कुमार शामिल रहे।
इंटरनेट मीडिया के सहारे चलाता था नेटवर्क
मुनफेद अपना जाल इंटरनेट मीडिया के जरिए फैलाता था। वह फर्जी प्रोफाइल बनाकर खुद को यूपीएससी से जुड़ा अधिकारी बताता था। दूसरी तरफ इंटरनेट मीडिया पर हाई प्रोफाइल लोगों की जानकारी जुटाता था। जिसके तहत वह ठगी के शिकारों को चिह्नित करके पहले उनकी दिनचर्या से लेकर हर गतिविधि पर नजर रखता था। जिसके बाद मौका मिलते ही संपर्क साधकर ठगी करता था।
गिरोह के अन्य सदस्य रडार पर
-पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की तह में जाने की तैयारी में है। इंटरनेट मीडिया चैट्स, बैंक ट्रांजेक्शन और काल रिकार्ड्स की पड़ताल की जा रही है। एसपी ट्रैफिक मनोज यादव और सीओ छाता आशीष शर्मा की मौजूदगी में की गई प्रेस वार्ता में बताया गया कि जल्द ही गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी भी संभव है।
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