12 करोड़ से बदलेगी UP के इस बड़े स्टेडियम की तस्वीर, 8.63 करोड़ की लागत से मिलेगी ये खास सुविधा
उत्तर प्रदेश के एक बड़े स्टेडियम को 12 करोड़ रुपये की लागत से नया रूप दिया जाएगा। 8.63 करोड़ रुपये की लागत से विशेष सुविधाएं जोड़ी जाएंगी, जिससे खिलाड ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मथुरा। जिले की खेल गतिविधियों का प्रमुख केंद्र गणेशरा स्थित स्व़ मोहन पहलवान स्पोर्ट्स स्टेडियम अब आधुनिक होगा। यहां के पुराने भवनों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं दी जाएंगी। कुश्ती हाल, बैडमिंटन हाल व सिंथेटिक ट्रैक बिछाने के 12 करोड़ रुपये के प्रस्ताव खेल निदेशालय को भेजे जा चुके हैं।
25 लाख रुपये से स्टेडियम की डओरमेट्री वातानुकूलित बनाई गई है। इसके साथ ही स्टेडियम में एक बहुउद्देशीय हाल व गेस्ट हाउस बनाने व तरणताल की गहराई कम कर उसे नए सिरे से बनाने की योजना पर विभाग कार्य कर रहा है।
गणेशरा स्टेडियम का ट्रैक लंबे समय से खस्ताहाल है। इस ट्रैक पर गिरकर आए दिन एथलीट चोटिल होते रहते हैं। गणेशरा स्टेडियम में धावकों के लिए बना मिट्टी का ट्रैक बदहाल स्थिति में है। ऊबड़-खाबड़ ट्रैक खिलाड़ियों के दौड़ने लायक नहीं है। ट्रैक न बनने से कई उदीयमान धावक दिल्ली, हरियाणा व पंजाब में तैयारी कर रहे हैं।
सिंथेटिक ट्रैक बिछाए जाने की उम्मीद
जिले के एथलीटों को स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक बिछाए जाने की उम्मीद है। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने सिंथेटिक ट्रैक का एस्टीमेट तैयार करवा खेल निदेशालय को भेजा है। 400 मीटर के ट्रैक निर्माण में 8़ 63 करोड़ रुपये की लागत आनी है। स्टेडियम में मिट्टी के भराव के साथ रबर का सिंथेटिक ट्रैक भी बिछाया जाना है। हालांकि स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक के निर्माण का प्रस्ताव पहले भी कई बार केंद्र व राज्य सरकार को भेजा जा चुका है।
2017 में इस प्रस्ताव को खेल निदेशालय लखनऊ ने सहमति प्रदान कर केंद्र सरकार को भेज दिया था। भारत सरकार की खेलो इंडिया योजना के तहत करीब सात करोड़ रुपये की लागत से सिंथेटिक ट्रैक बनना था, लेकिन तब प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हो सका था। जिला क्रीड़ा अधिकारी राकेश कुमार यादव ने बताया कि सिंथेटिक ट्रैक का प्रस्ताव इस वित्तीय वर्ष में स्वीकृत होने की उम्मीद है।
वहीं खेल विभाग गणेशरा स्टेडियम में बने बैडमिंटन हाल व कुश्ती हाल का कायाकल्प करने की तैयारी में है। पुराने बनाए गए हालों में खेलों की आधुनिक सुविधाएं नहीं हैं। दोनों हालों को 3.72 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक बनाया जाएगा। जिला खेल विभाग ने खेल निदेशालय को इसका प्रस्ताव भेजा है। स्टेडियम में बनाए गए बैडमिंटन हाल व कुश्ती हाल का निर्माण काफी समय पूर्व किया गया था। बैडमिंटन कोर्ट का फर्श जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। बैडमिंटन के खिलाड़ियों के अनुकूल कोर्ट का निर्माण किया जाएगा। कुश्ती हाल में भी पहलवानों को पर्याप्त आक्सीजन नहीं मिल पाती हैं, इसे नए सिरे से संवारा जाएगा।
अत्याधुनिक होंगे दोनों हॉल
दाेनों हाल को अत्याधुनिक खेल सुविधाओं से युक्त कर वातानुकूलित किया जाएगा। जिला क्रीड़ा अधिकारी राकेश कुमार यादव ने बताया कि कुश्ती हाल का जीर्णोद्धार 98 लाख रुपये व बैडमिंटन हाल का जीर्णोद्धार 2.74 करोड़ रुपए की लागत से होगा। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने सर्वे कर प्रस्ताव खेल निदेशालय को भेज दिया है। खेल निदेशालय की स्वीकृति मिलते ही कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
जिला क्रीड़ा अधिकारी राकेश कुमार यादव ने बताया कि तरण ताल का निर्माण भी नए सिरे से किया जाएगा। इसकी गहराई कम की जाएगी। वर्तमान में यह डाइविंग पूल के रूप में बना हुआ है। इसकी गहराई अधिक होने से यहां बच्चों को तैराकी सिखाना खतरे से खाली नहीं है। इसके भी आधुनिकीकरण की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही फेंसिंग, कबड्डी व जिम के लिए एक बहुउद्देशीय हाल का भी निर्माण किया जाना है। इस हाल में सारे खेल हो सकेंगे।
स्टेडियम में होने वाली प्रतियोगिताओं के लिए खेल अधिकारियाें के ठहरने के लिए एक गेस्ट हाउस बनाया जाना भी योजनाओं में शामिल है। वर्तमान में यहां आने वाले खेल अधिकारियों व निर्णायकों आदि को होटलों में ठहराना पड़ता है, जो खर्चीला है। जिला क्रीड़ा अधिकारी राकेश कुमार यादव ने बताया कि स्टेडियम के पुराने निर्माणों का वैश्विक मानकों के अनुसार आधुनिकीकरण किया जाएगा। जल निगम सी एंड डीएस द्वारा इन कार्यों की प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
25 लाख से वातानुकूलित हुई स्टेडियम की डाेरमेट्री
गणेशरा स्टेडियम में खेल के बाद अब खिलाड़ियों को पसीना नहीं बहाना पड़ेगा। यहां प्रदेश के स्टेडियमों में पहली डाेरमेट्री है, जो वातानुकूलित है। 64 बेड की डाेरमेट्री वातानुकूलित की जा चुकी है। इसके लिए विधायक निधि से 25 लाख रुपये खर्च हुए हैं।
इस राशि से स्टेडियम को अत्याधुनिक ग्रास कटिंग मशीन भी दी गई है। स्टेडियम में होने वाली राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में खिलाड़ियों के ठहरने के लिए 64 बेड की डाेरमेट्री बनाई गई है। अब तक यह डओरमेट्री वातानुकलित नहीं थी। यहां रुकने वाले खिलाड़ी अक्सर इसकी शिकायत करते थे। खिलाड़ियों का कहना था कि गर्मी में खेलने के बाद डाेरमेट्री में सोने पर बहुत गर्मी होती है। अब खिलाड़ियों की ये चिंता दूर हो गई है।
विधायक श्रीकांत शर्मा ने डोरमेट्री को वातानुकूलित करने के लिए अपनी निधि से 25 लाख रुपये दिए हैं। इससे डारमेट्री में 12 एसी लगाए गए हैं। विधायक निधि से दी गई ग्रास कटिंग मशीन विभिन्न आकार में बारीकी से सफाई के साथ घास की कटिंग करती है।

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