जनाब! इस कालोनी में ढूंढते रह जाएंगे ' विकास'
वार्ड तीन की विकास नगर कालोनी में समस्याएं ही समस्याएं सड़कें क्षतिग्रस्त हैं जलनिकासी न होने से हालात खराब

संवाद सहयोगी, मथुरा : किसी मुहल्ले की किस तरह उपेक्षा होती है, ये देखना है तो आगरा-दिल्ली हाईवे से सटी विकास नगर कालोनी आइए। नाम सुनकर तो लगता है कि इस कालोनी में विकास की गंगा बह रही होगी। हकीकत इससे जुदा है। खोजने पर भी विकास नहीं मिल पा रहा। हां, चुनाव के समय वादे जरूर हुए, लेकिन समय के साथ जिम्मेदारों ने उसे भी भुला दिया।
पहले विकास नगर कालोनी ग्राम पंचायत मथुरा बांगर का हिस्सा थी। वर्ष 2017 में नगर पालिका का सीमा विस्तार हुआ और नगर निगम बना, तो इसे भी शहरी क्षेत्र में शामिल कर लिया गया। जिस वार्ड तीन में विकास नगर कालोनी को शामिल किया गया है, उसमें छोटी-बड़ी कुल 52 कालोनी हैं। यहां तीन साल बाद भी विकास नहीं हो सका। कालोनी की मुख्य समस्या जलभराव की है। जलनिकासी की व्यवस्था न होने पर घरों से निकलने वाला पानी रास्तों पर भर जाता है। प्लाट तालाब का रूप लेते जा रहे हैं। बारिश में कई-कई दिन तक घरों में पानी भरा रहता है। कई घरों की फर्श धंस गई है। कालोनी की सड़क क्षतिग्रस्त होने पर आए दिन लोग चोटिल हो रहे हैं। सड़क पर रोशनी का इंतजाम नहीं है।
वार्ड तीन पर एक नजर
60 हजार के करीब है आबादी ।
19500 मतदाता हैं वार्ड में।
3500 है विकास नगर कालोनी की आबादी ।
52 कालोनी पूरे वार्ड संख्या तीन में हैं।
05 सबमर्सिबल पूरे वार्ड में लगे हैं।
48 सड़कों का निर्माण पांच करोड़ रुपये से हुआ है।
30 सड़कों का अभी निर्माण होना है।
250 घरों में शौचालय का निर्माण हुआ है। क्या कहते हैं लोग
बारिश में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार बहुत अधिक बारिश होने पर कुछ दिन के लिए रिश्तेदारों के पास चले जाते हैं। कालोनी में विकास हुआ ही नहीं है।
महावीरी-स्थानीय नागरिक बरसात का पानी घरों में घुस जाता है। बारिश में पानी भर जाने के कारण सबमर्सिबल और घर के फर्श धंस गए हैं। इस कारण हजारों रुपये का नुकसान हुआ है। किसी तरह यहां रह रहे हैं।
सावित्री-स्थानीय नागरिक बिना बरसात के ही कालोनी में जलभराव रहता है। जलभराव के कारण बीमारी फैलने का डर सताता है। गंदगी के कारण बुरा हाल है। यहां तो घर का निर्माण कराकर पछतावा हो रहा है।
पवन-स्थानीय नागरिक कालोनी की सड़क क्षतिग्रस्त हैं। सड़कों पर पैदल चलना भी मुश्किल है। सड़कों पर भी जलभराव हो जाता है। दो पहिया वाहन चालक आए दिन चोटिल होते रहते हैं।
सतीश-स्थानीय नागरिक कालोनी में बिजली के पोल नहीं हैं। रात में अंधेरा रहता है। रात में घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। नगर निगम में शामिल होने के बाद लगा था कि विकास होगा, लेकिन अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ।
सौरभ -स्थानीय नागरिक कालोनी की सबसे बड़ी समस्या जलभराव की है। जलनिकासी की व्यवस्था न होने के कारण घरों का पानी प्लाट में एकत्रित होता रहता है। अधिकांश प्लाट में जलभराव हो गया है।
मुरारीलाल-स्थानीय नागरिक चुनाव के समय नेता विकास का आश्वासन देते हैं, लेकिन फिर भूल जाते हैं। चुनाव के बाद कोई भी नेता कालोनी में नहीं आता है। जनता के साथ धोखा होता है।
मोहनलाल-स्थानीय नागरिक बरसात होने पर कालोनी में कमर तक पानी भर जाता है। बच्चे स्कूल तक नहीं जा पाते हैं। आर्थिक नुकसान के साथ बच्चों की पढ़ाई का भी नुकसान होता है।
जसवीर-स्थानीय नागरिक क्षेत्र में करीब पांच करोड़ के विकास कार्य कराए जा चुके हैं और ढाई करोड़ के कार्य लंबित हैं। विकास नगर की समस्या संज्ञान में हैं। कालोनी की समस्या के लिए शासन स्तर से योजना स्वीकृत कराने का प्रयास किया जाएगा। कालोनी में जलनिकासी की व्यवस्था कराने पर मकान नीचे हो जाएंगे और लोगों को आर्थिक नुकसान होगा। प्रयास किया जाएगा कि एक बड़ा अंडरग्राउंड टैंक बनाया जाए। समस्याओं का समाधान कराने का प्रयास किया जा रहा है।
रजनी देवी-पार्षद
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