Mathura: अभेद्य रही श्रीकृष्ण जन्मस्थान की सुरक्षा, नहीं हो सका दीपदान; हिरासत में रहे कार्यकर्ता
Mathura छह दिसंबर को शौर्य दिवस मना रहे कई संगठनों द्वारा श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर दीपदान और जलाभिषेक करने की घोषणा के बाद पूरे जिले में हाई अलर्ट घोषित ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मथुरा। हिंदू संगठनों ने छह दिसंबर को श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर दीपदान और जलाभिषेक की घोषणा की तो पुलिस प्रशासन ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान को छावनी में बदल दिया। पूरे दिन हाई अलर्ट रहा। संगठनों के पदाधिकारियों ने दिन भर पुलिस को छकाया, लेकिन कोई भी जन्म स्थान तक नहीं पहुंच सका।
50 से अधिक पदाधिकारी और कार्यकर्ता पूरे दिन हिरासत में रहे। एक दर्जन से अधिक लोगों को नजरबंद किया गया। अखिल भारत हिंदू महासभा और श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के पदाधिकारियों ने अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने की बरसी छह दिसंबर को श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर दीपदान और जलाभिषेक की घोषणा की थी। इसे लेकर व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए थे।
पुलिस ने की थी नाकाबंदी
मंगलवार रात से ही जन्म स्थान और शाही मस्जिद ईदगाह की पुलिस ने चारों ओर से नाकेबंदी कर ली। जन्मस्थान पर जाने वाले श्रद्धालुओं की तलाशी ली गई। सुबह साढ़े दस बजे महासभा से जुड़ीं नीतू सक्सेना एक महिला के साथ जन्मस्थान के गेट नंबर एक पर पहुंच गईं। पुलिस ने हिरासत में लेकर थाने भेज दिया।
हाई अलर्ट पर था जिला
छह दिसंबर को शौर्य दिवस मना रहे कई संगठनों द्वारा श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर दीपदान और जलाभिषेक करने की घोषणा के बाद पूरे जिले में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया था। मंगलवार रात से श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह को छावनी में तब्दील कर दिया गया। जन्मस्थान जाने वाले हर मार्ग पर नाकेबंदी की गई। संगठनों के पदाधिकारियों ने दिन भर पुलिस को छकाया। पुलिस ने दिन भर में 67 पदाधिकारियों को हिरासत में ले लिया और उन्हें थाने पर नजरबंद रखा।
दीपदान और जलाभिषेक का किया था एलान
देर शाम सभी पदाधिकारियों को छोड़ दिया गया। एक भी पदाधिकारी जन्मस्थान के अंदर न तो दीपदान कर सका और न ही जलाभिषेक। अखिल भारत हिंदू महासभा और श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के पदाधिकारियों ने छह दिसंबर को श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर दीपदान और जलाभिषेक की घोषणा की थी। इसे लेकर व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए थे।

मंगलवार रात से ही जन्म स्थान और शाही मस्जिद ईदगाह की पुलिस ने चारों ओर से नाकाबंदी कर ली। हर आने जाने से पूछताछ की गई। जन्मस्थान पर जाने वाले श्रद्धालुओं की तलाशी ली गई। खुफिया विभाग रात से ही हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों की जानकारी करता रहा।

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