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    Bankebihari Temple: ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन करने के नियमों में हुआ बदलाव, अब नए सिरे से लगेंगी रेलिंग

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 03:39 AM (IST)

    ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में दर्शन व्यवस्था को सुधारने के लिए हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। अब दो द्वारों से प्रवेश और दो से निकास होगा जिससे श्रद्धालुओं का ठहराव कम होगा। वीआईपी दर्शन पर्ची बंद कर दी गई है और गोस्वामी के साथ चलने वाले चेलों पर भी रोक लगाई गई है।

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    अब ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के अंदर लाइन लगाकर कराए जाएंगे दर्शन

    जागरण संवाददाता, मथुरा। ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में दर्शन की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाई पावर मैनेजमेंट कमेटी ने कई व्यवस्थाएं कीं, लेकिन मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं का ठहराव खत्म न होने से दर्शन में कोई सहूलियत नहीं मिली। दैनिक जागरण ने शनिवार के अंक में इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया।

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    इसका संज्ञान लेते हुए कमेटी ने शनिवार को बांके बिहारी मंदिर परिसर में बैठक की। बैठक में तय किया गया कि दो द्वारों से मंदिर में श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा और दो द्वारों से निकास होगा। गेट नंबर दाे व तीन से तीन-तीन लाइन बनाकर मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं को प्रवेश कराया जाएगा।

    दो द्वारों से छह कतारों में रेलिंग से होकर श्रद्धालु दर्शन को पहुंचेंगे। दर्शन के बाद उन्हें गेट नंबर एक व चार से बाहर निकाला जाएगा। अब श्रद्धालुओं को दर्शन करने के लिए अधिक देर तक मंदिर में ठहरने नहीं दिया जाएगा। इससे मंदिर में श्रद्धालुओं का दबाव खत्म होगा और बाहर इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को भी सुविधा मिलेगी। इस व्यवस्था के लिए मंदिर में नए सिरे से रेलिंग व बैरियर लगाए जाएंगे।

    कमेटी के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने बताया कि दो-तीन दिन में ही इस व्यवस्था का क्रियान्वयन होगा। इसमें गोस्वामी, पुलिस व सुरक्षा एजेंसी का सहयोग लिया जाएगा। अध्यक्ष ने बताया कि मंदिर के जगमोहन पर दोनों ओर रेलिंग पर खड़े होकर दर्शन करने की व्यवस्था भी सुधारी जाएगी।

    अक्सर पुरुषों के लिए नियत स्थान में महिलाएं व महिलाओं के लिए नियत स्थान में पुरुष चले जाते थे। अब इस पर रोक लगाई जाएगी। महिला व पुरुष श्रद्धालु अपने नियत स्थान से ही दर्शन कर सकेंगे।

    बिहारी जी मंदिर के तोषखाने के बारे में समिति अध्यक्ष ने बताया कि मंदिर का बैंक में जो कोष है, उसे निकालने की प्रक्रिया पर विचार हो रहा है। बिहारी जी की संपत्ति को सुरक्षित रखा जा सके, इसलिए 50 साल से बंद तोषखाना भी खोला जाना आवश्यक है। तोषखाना भी प्रक्रिया के तहत खोला जाएगा। बैठक में तीन गोस्वामियों सहित समिति के सदस्य भी शामिल रहे।

    गोस्वामी वेशधारी चेलों पर लगेगी रोक

    समिति ने बैठक में एक-एक गोस्वामी के साथ मंदिर में चलने वाले चेलों पर भी पाबंदी लगाने का निर्णय किया है। अध्यक्ष ने बताया कि एक-एक गोस्वामी 10 से 12 गोस्वामी वेशधारी सेवक लेकर चलता है। ये सेवक श्रद्धालुओं से अवैधानिक रूप से पैसा भी लेते हैं और असुविधा भी उत्पन्न करते हैं। इस पर रोक लगेगी। अब हर गोस्वामी को बताना होगा कि उनके साथ एक या दो कौन-कौन से सेवक हैं, उन्हें ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। 

    प्रोटोकाल वाले वीआइपी को होंगे दर्शन, पर्ची व्यवस्था तत्काल बंद

    ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में वीआइपी दर्शन को लेकर कमेटी अध्यक्ष ने बताया कि मंदिर प्रबंधन की ओर से सौ रुपये में वीआइपी दर्शन की पर्ची काटी जाती थी। करीब 1200 वीआइपी पर्ची प्रतिदिन काटी जाती थीं। इसका दुरुपयोग भी किया जाता था।

    पर्ची को अवैध रूप से कलर फोटो कापी कराकर उन्हें श्रद्धालुओं को दिया जाता था। शुक्रवार से वीआइपी दर्शन पर्ची पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया। अब कोई भी पर्ची नहीं काटी जा रही है। लेकिन प्रोटोकाल वाले वीआइपी जैसे पहले दर्शन करते थे, आगे भी करते रहेंगे।