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    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर वृंदावन का प्रोग्राम बना रहे हैं... पढ़े लें ये खबर, होटल और गेस्ट हाउस फुल

    Updated: Wed, 13 Aug 2025 07:20 AM (IST)

    वृंदावन में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है जिससे होटल और गेस्ट हाउस पहले से ही बुक हो गए हैं। ऑनलाइन बुकिंग लगभग फुल है। बांकेबिहारी मंदिर में मंगला आरती न होने की वजह ठाकुरजी का रात में रास करना माना जाता है इसलिए उनकी नींद में खलल न डालने के लिए मंगला आरती नहीं कि जाती।

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    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। भगवान श्रीकृष्ण की लीलाभूमि में कान्हा का जन्मोत्सव मनाने के लिए लाखों श्रद्धालु डेरा डालेंगे। ऐसे में अभी से होटल, गेस्ट हाउस और धर्मशाला फुल हो गई हैं। श्रद्धालुओं ने पहले ही आनलाइन बुकिंग करा ली है। अब उन होटल और गेस्ट हाउस में कमरे उपलब्ध हैं, जिनमें आनलाइन सुविधा नहीं है। ऐसे में जन्माष्टमी मनाने आने वाले लोगों को भटकना पड़ सकता है।

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    15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस का अवकाश है, 16 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और फिर 17 अगस्त को रविवार है। ऐसे में इस बार श्रद्धालु ब्रज में तीन दिन तक रुक सकते हैं। इसलिए होटल और गेस्ट हाउस पहले से ही बुक हो गए हैं। उन होटलों की बुकिंग तीन दिन पहले ही करीब-करीब पूरी हो गई ती, जो ऑनलाइन हैं।

    ज्यादातर होटलों में पहले ही ऑनलाइन बुकिंग हो चुकी

    बड़े गेस्टहाउस तो पिछले दो दिन पहले से ही फुल चल रहे हैं। छोटे गेस्टहाउसों में भी आनलाइन बुकिंग का दौर चल रहा है। हालात ये कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन कोई श्रद्धालु बिना बुकिंग करवाए वृंदावन आया तो उसे ठहरने के लिए एक-एक कमरे को भटकना पड़ेगा।

    वृंदावन होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस के साथ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और तीसरे दिन रविवार पड़ने के कारण इस बाद होटल, गेस्टहाउसों में बुकिंग अधिक हो रही है। आनलाइन लगातार बुकिंग हो रही हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर होटल, गेस्टहाउस पूरी तरह फुल रहने की उम्मीद है।

    निधिवन में रचाते रास, इसलिए नहीं होती बांकेबिहारी की मंगला आरती

    मंदिरों की नगरी वृंदावन के हर मंदिर, देवालय में भोर में मंदिर खुल जाते हैं और सुबह पांच बजे मंगला आरती होती है। लेकिन, इसी मंदिरों की नगरी के मध्य विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर ऐसा है, जहां मंगला आरती नहीं होती। इसके पीछे मान्यता है कि ठाकुरजी रात में निधिवन राज मंदिर में राधाजी और गोपियों संग रास रचाते हैं। रात के तीसरे प्रहर में मंदिर पहुंचकर शयन करते हैं। ठाकुरजी की नींद में खलल न पड़े और उन्हें सुबह जल्दी न उठाना पड़े। इसलिए मंदिर में मंगला आरती नहीं की जाती है।

    निधिवन राज मंदिर में रास रचाते हैं

    मंदिर सेवायत गोपेश गोस्वामी बताते हैं कि ठाकुर बांकेबिहारीजी रात में निधिवन राज मंदिर में रास रचाते हैं। रात के तीसरे पहर में ठाकुरजी मंदिर पहुंचते हैं। गोस्वामी ने बताया, मंदिर में ठाकुरजी की सेवा बालस्वरूप में होती है।

    भाव होता है कि ठाकुरजी रात में देर से सोते हैं, उन्हें जल्दी नहीं उठाना चाहिए। इसीलिए सुबह देर से उन्हें उठाया जाता है और दर्शन की शुरुआत के बाद शृंगार आरती होती है। मंगला आरती केवल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर इसलिए होती हैं। इस दिन रात 12 बजे ठाकुरजी का महाभिषेक होता है, तो इस दिन ठाकुरजी निधिवन राज मंदिर में रास रचने नहीं जाते।