Sant Premanand: दो बड़े संतों की खास मुलाकात, महंत नृत्यगोपालदास ने जाना संत प्रेमानंद का हाल
अयोध्या से महंत नृत्यगोपालदास महाराज ने वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज से भेंट की। इस मुलाकात में दोनों संतों ने एक दूसरे का हालचाल जाना और आध्यात्मिक विषयों पर चर्चा की। यह मिलन वृंदावन में हुआ, जहां संत प्रेमानंद अक्सर प्रवचन देते हैं।

वृंदावन में महंत नृत्य गोपाल दास और संत प्रेमानंद।
संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन (जागरण)) श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ न्यास ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास गुुरुवार सुबह संत प्रेमानंद से मिलने के लिए श्रीराधा केलिकुंज पहुंचे। महंत ने संत प्रेमानंद का हाल जाना। दो बड़े संतों की यह मुलाकात बड़ी खास रही।
श्रीराधा केलिकुंज में पहुंचने से पहले महंत नृत्यगोपाल दास के स्वागत को पहले से ही संत प्रेमानंद खड़े हो गए। संत प्रेमानंद ने महंत नृत्यगोपालदास का भावपूर्ण अभिवादन किया और आरती उतारी।
परिक्रमा मार्ग स्थित श्रीराधा केलिकुंज में गुरुवार को सुबह सात बजे महंत नृत्यगोपालदास श्रीराधा केलिकुंज पहुंचे। महंत नृत्यगोपालदास के आश्रम पहुंचने से पहले ही संत प्रेमानंद आश्रम के साधकों के साथ स्वागत के लिए खड़े हो गए।
जैसे ही महंत नृत्यगोपालदास की कार आश्रम के बाहर पहुंची, राधा राधा का जप साधकों ने शुरू करके महंत नृत्यगोपालदास का स्वागत किया। आश्रम के द्वार पर संत प्रेमानंद ने साष्टांग दंडवत कर महंत नृत्यगोपालदास का अभिवादन किया।
इसके बाद आश्रम में उन्हें सिंहासन पर विराजमान कर चरण प्रच्छालन किया और आरती उतारी। महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा भगवान की कृपा से सब काम हो रहा है। भगवान के नाम कृपा के बिना कोई काम नहीं होता है।
इसलिए हमें भगवान की कृपा पर निर्भर रहना चाहिए। भगवान का नाम जप करना उनकी कृपा का अनुसंधान करना व उनपर ही हमें निर्भर रहना चाहिए।
संत प्रेमानंद ने कहा जब भगवान प्रसन्न होते हैं, तो सद्गुरु की सेवा प्रदान करते हैं। विशेष कृपापात्र वही है, जिनको अपने गुरुजी की अंगसेवा प्राप्त हो गई, मानो श्रीराम की अंगसेवा प्राप्त हो गई।
गुरुदेव प्रसन्न हैं, तो भगवान अनुकूल है, जिसने गुरुदेव की सेवा कर रिझा लिया, भगवान अनुकूल हो गए।

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