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    Saint Premanand: दाऊ जी की नगरी में गूंजा राधे-राधे... संत प्रेमानंद की आंखों से बहे आंसू, ब्रज के राजा के किए दर्शन

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 07:20 AM (IST)

    संत प्रेमानंद महाराज अचानक बलदेव स्थित दाऊजी मंदिर पहुंचे, जहां उनके दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। 'राधे-राधे' की गूंज से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया। दाऊजी महाराज के दर्शन करते समय संत की आंखों से आंसू बह निकले, जिससे भक्त भी भावुक हो गए। बाद में, उन्होंने हरिवंश महाप्रभु की जन्मस्थली का भी दौरा किया।

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    दाऊ दर्शन करने पहुंचे संत प्रेमानंद।

    संवाद सूत्र, जागरण, बलदेव। बुधवार की सुबह। दाऊ जी की नगरी में रोज की तरह श्रद्धालु बलदाऊ के दर्शन को जा रहे हैं। शांत गलियों में श्रद्धालुओं की पदचाप सुनाई दे रही है। संत प्रेमानंद पहुंचे और दाऊ जी की नगरी में राधे-राधे की गूंज होने लगी। राधे-राधे की टेर लगाने वाले संत प्रेमानंद के दर्शन के लिए हर कोई व्याकुल था। दाऊ जी के दर्शन कर संत की आंखों से जो नीर बहा, उसने श्रद्धालुओं की आंखें भी नम कर दीं।

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    बिना सूचना बलदाऊ के दर्शन करने पहुंचे संत प्रेमानंद

     

    सुबह करीब नौ बज रहे थे। गाड़ियों के काफिले के साथ पीत वस्त्र धारी संत प्रेमानंद आधा दर्जन कार व एक दर्जन बाइक से अपने परिकरों के साथ दाऊ जी मंदिर पहुंचे हैं। कुछ ही मिनट में उनके आने की खबर पूरे क्षेत्र में हो गई। मंदिर के बाहर हजारों की संख्या में लोग पहुंच गए। तीन मंजिल मंदिर भवन भी खचाखच भर गया।

     

    दर्शन को उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, दाऊ जी को निहार बरसे आंखों से आंसू

     

    दाऊ जी के मंदिर में राधे-राधे की टेर लगने लगी। उन्होंने गर्भगृह में जाकर ब्रज के राजा दाऊजी महराज के दर्शन किए। सामने शेषावतार दाऊ जी थे, उन्हें देख संत की आंखों से अश्रुधार बहने लगी। रेवती मैया के दर्शन किए, बोले ये हमारी ब्रज की रानी हैं। सेवायत दामोदर पांडेय ने संत को दाऊजी महाराज का अंगवस्त्र व प्रसाद भेंट किया।

     

    15 मिनट मंदिर परिसर में रहे संत प्रेमानंद

     

    मंदिर परिसर में करीब 15 मिनट तक संत ने परिकरों के साथ दाऊजी महाराज का गुणगान किया तो भक्त राधे-राधे की टेर लगाते रहे। यहां ब्रजवासियों को प्रणाम कर संत अपनी गाड़ी की ओर बढ़े तो पीछे श्रद्धालुओं की भीड़ भी दौड़ पड़ी। उसे संभालने में पुलिस का भी पसीना छूटा।

    भरतपुर की 50 वर्षीय चित्रा संत को देख आश्चर्य में डूब गईं। बोलीं, यह नहीं सोचा था, अचानक संत के दर्शन होंगे। जिस रास्ते से संत गुजरे, उसकी रज बटोर ली। फिर एक पॉलिथीन में उसे संभाल कर रख लिया। बोलीं, यह मेरे लिए प्रसाद से कम नहीं। करीब दस बजे संत का काफिला रवाना हुआ।


    हरिवंश महाप्रभु की जन्मस्थली पहुंचे प्रेमानंद

     


    टाउनशिप। दाऊजी के दर्शन के बाद संत प्रेमानंद परिकरों के साथ बाद गांव स्थित श्रीहित हरिवंश महाप्रभु की जन्मस्थली पहुंचे। संत ने गर्भगृह में श्री वंशी अवतार हित हरिवंश के दर्शन किए। दर्शन के समय भावविभोर होकर उनकी आंखों से आंसू बह निकले। इस अलौकिक क्षण का साक्षी बनने के लिए हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे। संत ने यहां श्रद्धालुओं को प्रणाम किया और सत्संग में शामिल हुए। उन्हें देख दिल्ली से आईं गीता, रीना, माधुरी भी अध्यात्मिक ऊर्जा से भर गईं। बोलीं, कई दिनों से सोच रही थी कि संत प्रेमानंद के दर्शन करने उनके आश्रम जाऊंगी। सौभाग्य है कि यहां दर्शन हो गए।