Padma Bhushan Award: सेवा कार्यों के लिए साध्वी ऋतंभरा को पद्मभूषण, बोलीं- 'सम्मान गुरुदेव के चरणों में समर्पित'
राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी साध्वी ऋतंभरा को सामाजिक कार्यों के लिए पद्मभूषण मिला। राष्ट्रपति मुर्मु ने उन्हें यह पुरस्कार दिया। साध्वी ने इसे अपने गुरु को समर्पित किया। वृंदावन स्थित वात्सल्य ग्राम में अनाथ बच्चों की परवरिश की जाती है। साध्वी ऋतंभरा इन बच्चों की शिक्षा और विवाह की जिम्मेदारी उठाती हैं। वात्सल्य ग्राम के बच्चे आज अच्छे कॉलेजों में पढ़ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, वृंदावन। राम मंदिर आंदोलन में अपने ओजस्वी भाषणों के जरिए पहचान बनाने वाली साध्वी ऋतंभरा को मंगलवार को पद्मभूषण पुरस्कार मिला। सामाजिक क्षेत्र में सेवा कार्यों के लिए उन्हें यह पद्म पुरस्कार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दिया। बीते 25 जनवरी को उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी। उन्होंने इस पुरस्कार को अपने गुरुदेव स्वामी परमानंद गिरि के चरणों में समर्पित किया। कहा कि इस सम्मान से गुरुदेव के सानिध्य और वात्सल्य की अवधारणा को सार्थक रूप मिला है।
सम्मान मिलने के बाद कही ये बात
वृंदावन में वात्सल्य ग्राम की संस्थापक साध्वी ऋतंभरा ने पद्मभूषण मिलने के बाद कहा कि इस सम्मान से परमशक्ति पीठ और वात्सल्य ग्राम के वह सभी सहयोगी सम्मानित हुए हैं, जिन्होंने मानव सेवा के कार्यों में अपना सर्वस्व समर्पित किया। वात्सल्य ग्राम में अनाथ बच्चों की परवरिश की जाती है। ऐसे बच्चों को साध्वी ऋतंभरा ने न केवल परिवार दिया बल्कि उनकी पढ़ाई से लेकर शादी की जिम्मेदारी भी उठाई। उनके सेवा कार्यों का ही परिणाम है कि आज वात्सल्य ग्राम में रह रहे बच्चे अच्छे कालेजों में पढ़ाई कर रहे हैं।
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