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    बांकेबिहारी मंदिर गलियारा सुप्रीम कोर्ट में सेवायत की पुनर्विचार याचिका, जानें क्या है मामला

    ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर गलियारा मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सेवायत द्वारा पुनर्विचार याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि मंदिर कोष के उपयोग का निर्णय बिना उनका पक्ष सुने लिया गया। सेवायत देवेंद्र नाथ गोस्वामी ने अधिवक्ता के माध्यम से याचिका दाखिल की है जिसमें उन्होंने खुद को मंदिर के मूल संस्थापक का वंशज बताया है। अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है।

    By Jagran News Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Thu, 22 May 2025 05:09 PM (IST)
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    बांकेबिहारी गलियारा पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, मथुरा। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर गलियारा पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को लेकर सेवायत की ओर से पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है।

    मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष बुधवार को दायर याचिका में कहा गया है कि उनके पक्ष को सुने बिना मंदिर कोष के उपयोग का एकपक्षीय निर्णय दिया गया है। इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई हो सकती है।

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    मंदिर के सेवायत देवेंद्र नाथ गोस्वामी ने अपने अधिवक्ता अमित आनंद तिवारी की ओर से दाखिल याचिका में कहा है कि वह मंदिर के मूल संस्थापक स्वामी श्री हरिदास जी गोस्वामी के वंशज हैं।

    उनका परिवार 500 वर्ष से अधिक पुरानी परंपरा के अनुसार मंदिर के मामलों का प्रबंधन कर रहा है। मंदिर के मामलों और धन के प्रशासन और प्रबंधन का मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में लंबित है।

    याची ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने गलियारा के लिए राज्य सरकार की 500 करोड़ रुपये की विकास योजना में मंदिर के कोष के उपयोग की अनुमति दी। इस अनुमति को देते समय हमें पक्षकार नहीं बनाया गया। न ही सुनवाई का उचित अवसर दिया गया।