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    'संस्कृत का अगर एक श्लोक वो सुना दें तो मानूं चमत्कार...', रामभद्राचार्य की संत प्रेमानंद को चुनौती

    मथुरा से जगद्गुरु रामानंदाचार्य रामभद्राचार्य ने संत प्रेमानंद को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि यदि प्रेमानंद उनके सामने संस्कृत का एक वाक्य बोल दें तो वे उन्हें चमत्कारिक मान लेंगे। रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद के शास्त्रीय ज्ञान पर सवाल उठाया और कहा कि वे राधा सुधानिधि का एक श्लोक भी ठीक से नहीं बता सकते। उन्होंने उनकी लोकप्रियता को क्षणभंगुर बताया।

    By Vipin Parashar Edited By: Sakshi Gupta Updated: Sun, 24 Aug 2025 09:45 PM (IST)
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    मेरे सामने एक श्लोक बोलें तो प्रेमानंद का मानू चमत्कार: रामभद्राचार्य।

    जागरण संवाददाता, मथुरा। राधानाम का प्रचार कर देश दुनिया में प्रख्यात हुए संत प्रेमानंद को पद्मविभूषण जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य ने सीधे तौर पर चुनौती दी है। कहा है कि संत प्रेमानंद संस्कृत का एक वाक्य मेरे सामने बोल दें तो उन्हें मैं भी चमत्कारिक बता दूंगा।

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    दिल्ली में एक पोडकास्ट के एक साक्षात्कार में जगद्गरु स्वामी रामभद्राचार्य से संत प्रेमानंद के बारे में सवाल किया कि बिना किडनी के भी उनका जीवन चल रहा है। इस पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य बोले ये कोई चमत्कार नहीं है।

    अगर चमत्कार है तो मैं संत प्रेमानंद को चैलेंज करता हूं कि एक अक्षर मेरे सामने संस्कृत बोलकर दिखा दें बस, या मेरे कहे संस्कृत शब्दों का अर्थ समझा दें। मैं खुलकर कह रहा हूं कि वह तो मेरे बालक के समान हैं। कहा शास्त्र जिसकाे आए वही चमत्कार है।

    किडनियों का तो उनका डायलिसिस होता रहता है। डायलिसिस पर ही वे जी रहे हैं। देश के सारे नामचीन लोग उनके पास पहुंचने के सवाल पर जगद्गरु ने कहा तो बोले बिल्कुल सही कहा। कहा वृंदावन, अयोध्या सब हैं। मैं प्रेमानंद से द्वेष नहीं रखता हूं। वे मेरे बालक जैसे हैं। पर न तो वे विद्वान हैं और न साधक और न चमत्कारी हैं।

    चमत्कार उसे कहते हैं जो शास्त्रीय चर्चा पर साझा हो। वे राधावल्लभीय हैं राधा सुधानिधि का एक श्लोक भी वे ठीक से बता दें। उनकी लोकप्रियता है अच्छी है, ये क्षण भंगुर होती है, थोड़े दिन के लिए होती है। पर ये कहना कि ये चमत्कारी हैं ये मुझे स्वीकार्य नहीं है। भजन करते हैं। लेकिन, और पढ़ें लिखें।