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    बांके बिहारी मंदिर में दर्शन करेंगी राष्ट्रपति मुर्मू, चांदी का जलाएंगी दीप

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 09:07 PM (IST)

    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू वृंदावन के ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में दर्शन और विशेष पूजा-अर्चना करेंगी। वह चंदन कोठरी के बाहर पंच कलश पूजन करेंगी और ठाकुरजी की इत्र सेवा के साथ चांदी का दीपक जलाएंगी। उन्हें ठाकुरजी की छवि और विशेष भोग भेंट किए जाएंगे। वह श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर भी दर्शन करेंगी जहाँ विशेष व्यवस्था की गई है।

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    बांकेबिहारी के समक्ष चांदी का दीप जलाएंगी राष्ट्रपति मुर्मु

    संवाद सहयोगी, वृंदावन। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में न सिर्फ दर्शन और पूजन करेंगी, बल्कि चंदन कोठरी के बाहर छोटी देहरी पर पंच कलश पूजन भी करेंगी। वह ठाकुरजी देहरी पूजन एवं इत्र सेवा करने के साथ ही चांदी का दीपक जलाएंगी। ठाकुरजी सतरंगी पोशाक धारण करेंगे, उनका विशेष शृंगार किया जाएगा।

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    ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के सेवाधिकारी गौरव गोस्वामी व फ्रेंकी गोस्वामी ने बताया ठाकुर जी की कृपा से देश की राष्ट्रपति को दर्शन कराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सर्वप्रथम ठाकुरजी के दर्शन कर चांदी का दीपक जलाएंगी। इसके साथ ही ठाकुरजी की इत्र सेवा करेंगी।

    वह मंदिर की चंदन कोठरी के बाहर छोटी देहरी पर आराध्य की देहरी सेवा चंदन से करेंगी। इसके लिए कन्नौज से गुलाब और खस का इत्र मंगाया गया है। कुंजबिहारी अष्टक पाठ के साथ पूजन एवं पंच कलश पूजन किया जाएगा। उन्हें ठाकुर बांकेबिहारी महाराज की छवि, छप्पन भोग, गर्भगृह से ठाकुरजी का विशेष भोग, इकलाई अंगवस्त्र, मुरली भेंट करेंगे।

    एक ही गोस्वामी परिवार चौथे राष्ट्रपति को करवाएगा दर्शन पूजन

    ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर का एक गोस्वामी परिवार देश के तीन राष्ट्रपतियों को अपनी ठाकुरजी सेवा के दौरान दर्शन एवं पूजन कर चुका है। सेवायत गौरव गोस्वामी के परिवार ने इससे पहले वर्ष 1987 में आर वेंकटरमन, नवंबर 2014 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और जून 2022 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ठाकुर बांकेबिहारी का पूजन कराया।

    श्रीकृष्ण जन्मस्थान जाने वाली दूसरी राष्ट्रपति होंगी मुर्मु

    श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर दर्शन करने वाले नरेन्द्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं, तो द्रौपदी मुर्मु जन्मस्थान जाने वाली दूसरी राष्ट्रपति होंगी। इससे पहले वर्ष 1982 से 1987 के बीच राष्ट्रपति रहते ज्ञानी जैल सिंह दो बार जन्मस्थान में दर्शन कर चुके हैं।

    श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर दर्शन की विशेष व्यवस्था की गई है। योगमाया मंदिर, गर्भगृह और केशवदेव मंदिर में राष्ट्रपति वेदमंत्रों के बीच पुष्पार्चन करेंगी। वहीं भागवत भवन में राधाकृष्ण युगल सरकार की पादुका का पूजन पंचोपचार विधि से करेंगी। यहां वेद मंत्रों के बीच संकल्प भी संकल्प भी लेंगी।