ब्रज में वन क्षेत्र की बढ़ोतरी को कदम मिलाएं ब्रजवासी व संत
निधिवन राज मंदिर में पौधारोपण कर रसिक संतों की समाधि पर पौधारोपण अभियान की हुई शुरुआत ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, वृंदावन: विश्व, भारत और ब्रज के वन क्षेत्र की तुलना की जाए तो वर्तमान दौर में ब्रज में वन क्षेत्र सिमटता जा रहा है। जबकि करीब पांच सौ साल पहले ये पूरा इलाका वनक्षेत्र के रूप में ही पहचाना जाता था। इसलिए आज की महती आवश्यकता है कि हम ब्रजवासियों, साधकों को वनक्षेत्र का विकास करना चाहिए। इसके लिए हर ब्रजवासी और संत को पौधारोपण कर उसका संरक्षण करना चाहिए।
स्वामी हरिदास की साधना स्थली व ठा. बांकेबिहारी की प्राकट्य स्थली निधिवन राज मंदिर में बुधवार को पौधारोपण करते हुए सूफी गायक जेएसआर मधुकर ने यह बात कही। कहा सावन और भादौ का महीना पौधारोपण के लिए अनुकूल है। इसलिए हमें इस मौसम में कम से कम एक पौधा जरूर रोपना चाहिए। ब्रज में भगवान श्रीकृष्ण से लेकर भक्तिकालीन रसिक संतों ने वन उपासना तथा वन वृद्धि की बात अपनी वाणी में कही है। इसी से प्रेरित होकर ब्रज संस्कृति संगीत समिति वृंदावन के तत्वाधान में संपूर्ण ब्रज मंडल के रसिक संतों की समाधि स्थल पर पौधे लगाने का अभियान शुरू किया गया है। पर्यावरण वेद्ता डा. गुणाकर ने कहा ब्रज मंडल में रसिक संतों ने प्रभु से पहले वृक्षों की आराधना की है और संतों ने वृक्षों के अंदर ही अपने इष्ट व प्रियालाल जू के दर्शन किए। समिति अध्यक्ष मधुकर ने कहा, समिति अब संतों की समाधि स्थल के अलावा ब्रज मंडल के वन उपवन में भी पौधे लगाने का अभियान तेज करेगी इसी संदर्भ में मांट स्थित भांडीरवन में तथा बरसाना में ब्रज रसिक संत विनोद बाबा के यहां तथा हित किकर बाबा सेवक शरण के लता भवन भी पौधे लगाए। लक्ष्य मधुकर, मयंक मधुकर, भावना सखी, शशि सखी, भीकचंद्र गोस्वामी, डा. ओम, मदन बिहारी बाबा, प्रमोद भारद्वाज, संत दयाल दास, शिवम भारद्वाज मौजूद रहे।

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