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    Banke Bihari Mandir: बांकेबिहारी मंदिर में नया नियम! अब भक्त अर्पित करेंगे ठाकुर जी को भोग

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 12:36 PM (IST)

    ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में अब श्रद्धालुओं द्वारा ठाकुर जी को भोग अर्पित किया जाएगा। उच्चाधिकार प्रबंधन समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि नए वर् ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर।

    संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर की उच्चाधिकार प्रबंधन समिति की सोमवार को हुई बैठक में भी ठाकुर जी को देरी से बालभोग अर्पित करने का मामला गूंजा। बैठक में यह तय हुआ कि 2026 से बांकेबिहारी को श्रद्धालुओं की ओर से भोग लगवाया जाएगा। दिन में चार पहर के भोग का जिम्मा प्रतिदिन श्रद्धालुओं को दिया जाएगा। इससे श्रद्धालुओं को भी भोगसेवा का मौका मिलेगा और मंदिर में व्यवस्था भी ठीक रहेगी।

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    हालांकि, तब तक भोग सेवा में लगे हलवाई को नियमित भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं। आइआइटी रुड़की के विशेषज्ञों की रिपोर्ट पूरी न आ पाने के कारण अभी मंदिर के अंदर रेलिंग की व्यवस्था करने पर निर्णय नहीं हो सका है। 15 फरवरी 2026 से मंदिर में ठाकुर जी के दर्शन का सीधा प्रसारण भी होगा। इसके लिए मंदिर के अंदर और बाहर एलईडी लगाई जाएंगी।

    उच्चाधिकार प्रबंधन समिति की बैठक में लिया गया निर्णय

    वृंदावन के शहीद लक्ष्मण सिंह भवन में स्थिति समिति के कार्यालय में हुई उच्चाधिकार प्रबंधन समिति की बैठक में ठाकुर जी को बालभोग देरी से अर्पित करने का मुद्दा गूंजा तो समिति अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश अशोक कुमार ने कहा कि एक जनवरी से भक्तों द्वारा प्रायोजित भोग ही ठाकुरजी को सुबह से शाम तक परोसा जाएगा। इसके लिए करीब एक लाख रुपये की धनराशि भोग प्रायोजित करने वाले श्रद्धालु को भुगतान करनी होगी। 24 दिसंबर को होने वाली समिति की बैठक धनराशि पर एक बार और मंथन होगा।

    हर महीने खर्च होते हैं करीब 7 लाख रुपये

    शाम पांच बजे से हुई बैठक में अध्यक्ष ने कहा कि भोग में मंदिर फंड से हर माह करीब सात लाख रुपये का खर्च हो रहा है। उन्होंने कहा कि मंदिर कोष से ठाकुरजी के भोग में भी कई बार अनियमितताएं सामने आई हैं। वर्ष 2017 में एक वर्ष तक ठाकुरजी के भोग पर कुछ भी खर्चा नहीं हुआ था। कोरोना काल में जब मंदिर बंद रहे, तब भोग में सामान्य दिनों से अधिक का खर्चा दर्ज हुआ था, जिसकी जांच होगी। उन्होंने कहा कि मंदिर को सीए की एक रिपोर्ट मिली है।

    इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले करीब दो दशकों में सेवायतों द्वारा की गई अनियमितता और न्यायालय आदि के आदेश न मानने पर करीब साढ़े पांच करोड़ रुपये का अर्थदंड उन पर लगा, लेकिन यह अब तक जमा नहीं हो सका है। इसे अब वसूलने की योजना पर भी अमल होगा। मंदिर में श्रद्धालुओं को कतारबद्ध दर्शन कराने के लिए रेलिंग की व्यवस्था के लिए पिछले दिनों आइआइटी रुड़की की टीम ने सर्वे किया था। अभी रिपोर्ट न मिलने के कारण रेलिंग पर कोई निर्णय नहीं हो सका है। अध्यक्ष ने कहा कि ठाकुरजी के दर्शन की लाइव स्ट्रीमिंग एक सुयोग्य मीडिया टीम काे दी गई है, जो 15 फरवरी से मंदिर में निःशुल्क काम करेगी।


    सेवायत परिवारों को पेंशन पर आपत्ति

     

    बैठक में मंदिर सेवायतों को वृद्धावस्था, विधवा पेंशन व बच्चों की शिक्षा के लिए दी जाने वाली छात्रवृत्ति पर आडीटर वाईके गुप्ता एंड कंपनी ने अनियमितता का आरोप लगाने का जिक्र भी किया गया है और। इसे व्यर्थ का खर्च बताया है। हालांकि, सेवायत सदस्यों ने इसे अपना पारंपरिक अधिकार बताते हुए इसे लागू रखने की बात कही। मंदिर की सुरक्षा एजेंसी की भी समीक्षा हुई। अध्यक्ष ने सुरक्षा एजेंसी के निधिवन राज मंदिर में भी सेवा देने पर आपत्ति जताई।

    कोटा में मंदिर की भूमि अधिग्रहण के लिए बनी कमेटी

    ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर की राजस्थान के कोटा में 90 से 100 बीघा भूमि है, जिसके अभिलेख मंदिर प्रबंधन के पास मौजूद नहीं हैं। ऐसे में भूमि अधिग्रहण व अभिलेखों को प्राप्त करने के लिए मंदिर प्रबंधन समिति ने उपजिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व पंकज वर्मा के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी राजस्थान जाकर पत्रावलियां संकलित कर भूमि अधिग्रहण के क्षेत्र में कदम बढ़ाएगी।

    यह भी रहे मौजूद

    सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुकेश मिश्रा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश विकास कुमार, डीएम व सचिव चंद्रप्रकाश सिंह, एसएसपी श्लोक कुमार, विप्रा उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह, पुरातत्वविद् भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण डा. स्मिता एस कुमार, एडीएम फाइनेंस पंकज वर्मा, गोस्वामी सदस्यों में शैलेंद्र गोस्वामी, श्रीवर्धन गोस्वामी, दिनेश कुमार गोस्वामी, विजय कृष्ण गोस्वामी भी बैठक में मौजूद रहे।