Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chakreshwar: श्रीकृष्ण की लीलाओं का साक्षी है चक्रेश्वर मंदिर, भगवान शंकर से जुड़े नाम के पीछे है रोचक कथा

    By Jagran NewsEdited By: Nitesh Srivastava
    Updated: Wed, 08 Feb 2023 01:34 PM (IST)

    Chakreshwar Temple जिला मुख्यालय से 22 किलोमीटर की दूरी पर चक्रेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। गोवर्धन बस अड्डा से मानसी गंगा के किनारे बने इस मंदिर तक आटो ई-रिक्शा अथवा पैदल आसानी से पहुंचा जा सकता है। एनजीटी के आदेश के कारण गोवर्धन परिक्रमा मार्ग नो व्हीकल जोन घोषित है।

    Hero Image
    मानसी गंगा के उत्तर में चक्रेश्वर महादेव का मंदिर है, जिसे चकलेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है।

    जागरण संवाददाता, मथुरा: Chakreshwar Temple- गोवर्धन का चक्रेश्वर मंदिर भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का साक्षी है। ब्रजभूमि के पांच महादेव का अद्भुत संगम यहां देखने को मिलता है। मंदिर में पांच शिवलिंग सांवले रंग के हैं। जब भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव की पूजा छुड़ाकर गोवर्धन पर्वत की पूजा शुरू कराई तो इंद्र ने क्रोधित होकर मेघ मालाओं को आदेश दिया कि ब्रजभूमि को बहाकर उसका अस्तित्व समाप्त कर दो।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    घनघोर वर्षा देख ब्रजवासी घबरा गए और कान्हा से रक्षा करने की गुहार लगाई। इंद्र के प्रकोप से ब्रजवासियों की रक्षा करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने भगवान आशुतोष शंकर से मदद मांगी और उन्हें ब्रज में बुलाया । शंकरजी ने ब्रजभूमि में आकर अपने त्रिशूल को ब्रजमंडल के ऊपर चक्र के समान घुमाया और उसी से घनघोर वर्षा के जल को सुखा दिया।

    सात दिन और सात रात तक इंद्र वर्षा करते रहे शिवजी का त्रिशूल उसे सुखाता रहा। भगवान की इस लीला से इंद्र का मान भंग हुआ। इसके बाद श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों की रक्षा करने आए भगवान शंकर को चक्रेश्वर नाम से गोवर्धन धाम में ही मानसी गंगा के तट पर स्थापित किया। मानसी गंगा के उत्तर में चक्रेश्वर महादेव का मंदिर है। इन्हें चकलेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है।

    ये भी है खासियत

    ब्रजमंडल में पांच महादेव मंदिर प्राचीनकाल से ही स्थापित हैं। इनकी विशेष मान्यता भी है। मथुरा में भूतेश्वर, वृंदावन में गोपेश्वर, नंदगांव में नंदीश्वर, कामा में कामेश्वर और गोवर्धन में चक्रेश्वर के नाम से शिव मंदिर हैं। यहां पांचों महादेव की शिवलिंग के एक साथ दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त होता है। समीप ही मानसी गंगा, मुकुट मुखारविंद गिरिराजजी, मनसा देवी मंदिर स्थित हैं।

    महंत गोपाल दास ने बताया कि चक्रेश्वर महादेव द्वापर युग से ही हम ब्रजवासियों की सुरक्षा करते आ रहे हैं। ब्रजभूमि के पांच महादेव का दर्शन एक साथ सिर्फ इसी मंदिर में होते हैं। सावन के महीना में भगवान भोलेनाथ की पूजा निश्चित ही परिवार में सुख समृद्धि प्रदान करती है। प्रभु को रोजाना मानसी गंगा का जल और बेलपत्र चढ़ाना चाहिए।

    comedy show banner
    comedy show banner