मौसम ठंडा होते ही आने लगे विदेशी परिंदे, जोधपुर झाल में देख सकते हैं इनकी अठखेलियां
जोधपुर में मौसम बदलते ही विदेशी पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है, जिससे शहर की सुंदरता बढ़ गई है। जोधपुर का झाल क्षेत्र इन पक्षियों के लिए स्वर्ग बन गया है, जहाँ वे खेलते हुए देखे जा सकते हैं। इन पक्षियों के आने से पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है, और इनके संरक्षण की आवश्यकता है ताकि वे हर साल यहाँ आ सकें।

जोधपुर झाल में डेरा जमाए विदेशी पक्षी।
जागरण संवाददाता, मथुरा। सेंट्रल एशियन फ्लाई-वे से सर्दियों में हजारों पक्षी जोधपुर झाल पहुंचने लगे हैं। इसमें अलास्का, साइबेरिया, मंगोलिया और उत्तरी चीन से जोधपुर झाल पहुचने वाले प्रवासी पक्षियों की संख्या अधिक है।
मथुरा और आगरा सीमा के मध्य फरह के निकट स्थित जोधपुर झाल वेटलैंड को उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा वन विभाग के सहयोग से विकसित किया गया है।
इन दिनों सर्दियों के मौसम में अलास्का से ब्लूथ्रोट, साइबेरिया से कामन पोचार्ड और मंगोलिया से बार-हेडेड गूज व उत्तरी चीन से ग्रे-हेडेड लेपविंग जोधपुर झाल पहुंची हैँ।
बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसाइटी के पक्षी विशेषज्ञ डा. केपी सिंह ने बताया कि जोधपुर झाल वेटलैंड पर 50 से अधिक प्रजातियों के हजारों प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं।
प्रवासी पक्षी सेंट्रल एशियन फ्लाई वे के माध्यम से जोधपुर झाल व मथुरा के अन्य क्षेत्रों में प्रवास पर नौ हजार किमी दूर तक से आते हैं। सेंट्रल एशियन फ्लाई वे में यूरोप व एशिया के 30 देश शामिल हैं।
प्रवासी पक्षियों पर शोध कर रहीं छात्रा निधि यादव के अनुसार जोधपुर झाल पर सर्दियों के प्रवास पर स्थलीय और जलीय प्रवासी पक्षी आते हैं।
इनमें बार-हेडेड गूज, ग्रे-लैग गूज, ग्रेटर फ्लेमिंगो, रोजी पेलिकन, डालमेशन पेलिकन, नार्दन शोवलर, नोर्दन पिनटेल, गार्गेनी, गेडवाल, नाब-बिल्ड डक, कामन पोचार्ड, रेड-क्रेस्टेड पोचार्ड, टफ्टिड डक, पाइड एवोसेट, ब्लैक-टेल्ड गोडविट और रूडी शेल्डक शामिल हैं।
इनमें कामन शेल्डक, कामन टील, कामन कूट, ग्रे-हेडेड लेपविंग, सेंडपाइपर, सिट्रिन वेगटेल, यलो वेगटेल की प्रजातियां के अलावा स्थलीय प्रजातियों में साइबेरियन स्टोनचैट, ब्लूथ्रोट, रायनेक, श्राइक, शोर्ट-ईयर्ड आउल, वेस्टर्न मार्श हैरियर, ग्रेटर स्पाटेड ईगल आदि प्रमुख प्रजातियां हैं।

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