21 करोड़ की ठगी मामले में दिल्ली के नेटवर्क से जुड़ रहे तार, Mathura Police की जांच में तीन नाम और सामने आए
मथुरा में गोमाता ट्रस्ट के नाम पर हुए 21 करोड़ की ऑनलाइन ठगी का मामला दिल्ली से जुड़ता दिख रहा है। पुलिस ने तीन और संदिग्धों की पहचान की है और उनके खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं। मुख्य आरोपी अभिषेक चौधरी समेत कुछ लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। साइबर पुलिस की जांच में इस ठगी का खुलासा हुआ था, जिसमें फर्जी खाते के माध्यम से पैसे निकाले गए थे।

सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, मथुरा। गोमाता ट्रस्ट बनाकर फर्जी तरीके से 21 करोड़ों रुपये की आनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का नेटवर्क पुलिस को दिल्ली का मिला है। तीन नाम और प्रकाश में आए हैं।
मुख्य आरोपित अभिषेक चौधरी के साथ अन्य आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने साक्ष्य एकत्रित कर लिए हैं। जल्द ही इनकी गिरफ्तारी की जाएगी। इस प्रकरण में पुलिस अब तक तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
रिफाइनरी थाना क्षेत्र के रहने वाले मुख्य आरोपित अभिषेक चौधरी ने अपने साथियों के साथ मिलकर गोमाता ट्रस्ट के नाम से कैंट शाखा की एसबीआइ में फर्जी खाता और उसमें देश भर के लोगों से ठगी के रुपये डलवाने लगा था।
डेढ़ महीने में ही खाते में 21 करोड़ रुपये आ गए। इसमें से 20 करोड़ 93 लाख रुपये दूसरे खाते में डालकर निकाल लिए गए थे। लिमिट से ज्यादा ट्रांजेक्शन पर साइबर पुलिस ने पड़ताल की तो ठगी के नेटवर्क खुलकर सामने आ गया।
पुलिस इस प्रकरण में गोकुल बैराज रोड पर नट वाले मुहल्ले से राया के गांव विसावली व कोतवाली थाने के शक्ति नगर निवासी ऋतिक, लक्ष्मीपुरम निवासी गौतम उपाध्याय और मूलरूप से बलदेव के नगला बैर व लक्ष्मीपुरम निवासी बलदेव सिंह को गिरफ्तार कर जेल चुकी है।
जबकि मुख्य सरगना अभिषेक चौधरी अभी तक फरार चल रहा है। करीब दो महीने से चल रही जांच में पुलिस को साइबर ठगी का नेटवर्क दिल्ली से मिला है। तीन नाम और प्रकाश में आए हैं। पुलिस ने इनके खिलाफ साक्ष्य एकत्रित कर लिए हैं।
साइबर थाना प्रभारी रफत मजीद ने बताया कि अभिषेक के अलावा प्रकाश में कुछ अन्य युवकों के नाम साइबर ठगी में प्रकाश में आए हैं। टीमें लगी हुई हैं, जल्द ही इनको गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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