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    मथुरा में शुरू होगा प्रदेश का पहला फिशरीज साइंस कॉलेज

    बि¨ल्डग बनकर तैयार, शासन की अनुमति का सिर्फ इंतजार, मछली पालन और उत्पादन में आएगी क्रांति

    By JagranEdited By: Updated: Tue, 17 Jul 2018 12:27 AM (IST)
    मथुरा में शुरू होगा प्रदेश का पहला फिशरीज साइंस कॉलेज

    उमेश भारद्वाज, मथुरा: प्रदेश का पहला मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय पं. दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विवि एवं गो अनुसंधान संस्थान मथुरा में खुलने जा रहा है। अंडर ग्रेजुएट प्रोफेशनल कोर्सेज के प्रारंभ होने से मछली पालन के व्यवसाय में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा।

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    पं. दीनदयाल उपाध्याय विवि में प्रोफेशनल अंडर ग्रेजुएट बीएससी फिशरीज साइंस में चार साल का कोर्स होगा। शुरुआत में 40 सीटों पर इंटरमीडिएट बायोलॉजी उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थी दाखिला के लिए पात्र होंगे। पाठ्यक्रम भारतीय कृषि विज्ञान एवं अनुसंधान परिषद द्वारा तय किया गया है। देशभर के मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय में परिषद के जिन मानकों के अनुरूप पाठ्यक्रम लागू हैं, वही यहां भी संचालित होगा। महाविद्यालय के लिए इमारत और तालाब बनकर तैयार हो चुका है।

    कुलपति डॉ. केएमएल पाठक ने बताया कि विवि में पाठ्यक्रम प्रारंभ करने के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। वहां से अनुमति मिलने का इंतजार है। शासन को दो तरह की मंजूरी देनी है। पहली पाठ्यक्रम शुरू करने की और दूसरी मत्स्य पालन विभाग प्रारंभ करने के लिए शिक्षक, लैब सहायक, लिपिक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की। वित्त स्वीकृति मिलते ही मछली पालन के लिए तालाब भरे जाएंगे और आधुनिक लैब के निर्माण के साथ ही प्रवेश प्रारंभ हो जाएंगे। -कारोबार में आएगी क्रांति-

    किसान की आय दोगुनी करने में यह कालेज मील का पत्थर साबित होगा। यहां किसानों को मछली पालन और उसके व्यवसाय संबंधी जानकारी दी जाएगी। पट्टे पर तालाब लेकर जो लोग इस काम में जुटे हैं और आम किसान भी मछली पालन को अच्छा व्यवसाय बना सकते हैं। साथ ही आर्नामेंटल (एक्वेरियम में रखने योग्य) फिश का कारोबार भी खूब फलेगा-फूलेगा। वास्तुशास्त्र और धर्म क्षेत्र में भी मछलियों का महत्व है, इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा। -खारा पानी देगा सौगात

    मथुरा का पानी खारा है। लोगों की समस्या है कि वह पीने योग्य नहीं है पर मछलियों के मामले में ऐसा नहीं है। आर्नामेंटल मछलियां खारे पानी में तेजी से ग्रोथ करती हैं। ऐसे में ब्रज में इनका कारोबार पंख पसारेगा। प्रदेश का पहला फिशरीज साइंस कालेज खुलने से मछली पालन व्यवसाय में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा। इससे युवाओं को रोजगार मिलने के साथ ही किसानों की आय भी दोगुनी होगी। शासन की अनुमति का इंतजार है। अनुमति मिलते ही यहां कोर्स प्रारंभ कर दिया जाएगा।

    - डॉ. केएमएल पाठक, कुलपति -छह माह पहले मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फरवरी माह में वेटेरिनरी कॉलेज में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण करने आए थे। तभी उन्होंने फिशरीज साइंस कॉलेज शुरू करने की घोषणा की थी।