मथुरा में किसानों पर बारिश का कहर, जलभराव और तेज हवा से धान और बाजरा की फसलें बर्बाद
मथुरा में लगातार बारिश और तेज हवाओं ने धान और बाजरा की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। खेतों में पानी भरने से कटी हुई फसलें भीग गई हैं जिससे उनकी गुणवत्ता प्रभावित हुई है। किसान चिंतित हैं क्योंकि पिछली बाढ़ से पहले ही नुकसान हुआ था और अब आलू-सरसों की बुआई में भी देरी होगी। प्रशासन द्वारा फसल के नुकसान का सर्वे किया जाना बाकी है।

जागरण संवाददाता, मथुरा। लगातार दूसरे दिन हुई वर्षा और तेज हवा से जिले में धान और बाजरा की फसलों में नुकसान के हालात पैदा हो गए हैं। कई स्थानों पर कटने के लिए तैयार और खेतों में कटी पड़ी धान की पैदावार वर्षा से प्रभावित हुई है।
सोमवार को अचानक मौसम का मिजाज बदल गया था और झमाझम वर्षा हुई। इसके बाद मंगलवार को भी देर शाम वर्षा हुई। सिर्फ तेज वर्षा ही नहीं हुई, बल्कि तेज हवा भी चली। इससे खेतों में कटने के लिए तैयार धान और बाजरा की फसलों में भारी नुक़सान होने की आशंका से किसानों के चेहरों पर हवाईयां उड़ने लगीं।
मंगलवार देर शाम तेज हवा के साथ हुई झमाझम वर्षा, खेतों में हुआ जलभराव
कई जगह किसानों द्वारा काटी गई धान और बाजरा की पैदावार खेतों में पड़ी हुई है। किसान कटी हुई फ़सल को समेटने का प्रयास कर रहे थे कि वर्षा से खेतों पड़ी फसल पूरी तरह से भीग गई। फसलों के वर्षा से भीगने के चलते गुणवत्ता भी प्रभावित होने के साथ-साथ उनके नष्ट होने का खतरा भी बढ़ गया है।
राया के किसान हरेंद्र सिंह ने बताया कि आठ दिन पहले हुई वर्षा से बर्बाद हुई फ़सल को बचाने का प्रयास किया जा रहा था और धान की फसलों को सुखाने का काम कर रहे थे। लेकिन फिर से हुई वर्षा ने किसानों को बर्बाद कर दिया है।
वर्षा से काली न पड़ जाए धन की फसल, किसान चिंतित
देहात क्षेत्र में दो दिन से हो रही वर्षा के कारण फसल को लेकर चिंतित है। अधिकतर 60 प्रतिशत फसल किसानो की विगत यमुना नदी में आई बाढ़ और वर्षा के जलभराव के कारण बर्बाद हो गई थी। इसका प्रशासन के द्वारा सर्वे होना अभी बाकी है। भाकियू चढूनी मंडल अध्यक्ष रामवीर सिंह तोमर ने बताया सोमवार और मंगलवार अचानक वर्षा के साथ तेज हवा चलने से फसल खेतों में गिर गई है। उधर, धान की जो फसल खेतों में कटी पड़ी थी, खेत में बारिश का पानी भरने के कारण धान की फसल काली पड़ने की आशंका उत्पन्न हो गई है। इससे किसान के माथे पर चिंता की लकीरें आ गई हैं।
आलू और सरसों की फसल में होगी देरी
मांट। जिले में कई स्थानों पर सरसों और आलू की बोआई की तैयारी चल रही थी। सरसों और आलू की बोआई के लिए किसानों ने खेत तैयार किए थे परंतु खेतों में पानी भरने के कारण उनको सूखने में और तैयार होने में देरी होगी। लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी जब वर्षा हुई तो किसान मायूस हो गए। दरअसल अब सरसों और आलू की फसल की बोआई में निश्चित रूप से देरी होगी। किसान नेता लेखराज सिंह पहलवान का कहना है कि आलू व सरसों की बोआई के लिए खेत तैयार किए थे लेकिन वर्षा ने तैयारी पर पानी फेर दिया है। इससे फसल उत्पादन प्रभावित होगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।