Constable Exam Fraud: दूसरे से परीक्षा पास कराकर ट्रेनिंग ले रहा था ये शख्स, आठ साल बाद पुलिस ने पकड़ा
कर्मचारी चयन आयोग की जीडी कांस्टेबल परीक्षा में फर्जीवाड़े के आरोप में राजस्थान पुलिस ने सुरीर से एक युवक को गिरफ्तार किया है। ओमवीर सिंह नामक इस युवक पर 2016 की परीक्षा में अपनी जगह किसी और को बैठाने का आरोप है। शिकायत मिलने पर जांच हुई और लिखावट अलग मिलने पर उसे बर्खास्त कर दिया गया था।
संवाद सूत्र, सुरीर। कर्मचारी चयन आयोग की जीडी कांस्टेबल परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में आठ साल बाद राजस्थान पुलिस शनिवार को सुरीर के गांव सामोली में दबिश देकर एक युवक को गिरफ्तार कर ले गई है। कर्मचारी चयन आयोग की जीडी कांस्टेबल परीक्षा वर्ष 2016 में सुरीर थाना क्षेत्र के गांव सामोली निवासी ओमवीर सिंह का केंद्रीय सुरक्षा बल में आरक्षक के रूप में चयन हुआ था।
इसके बाद उसे वर्ष 2017 में प्रशिक्षण के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के प्रशिक्षण केंद्र बहरोड़ जिला अलवर में भेजा था। यहां चार मई 2017 को गुमनाम शिकायती पत्र मिला। इसमें उल्लेख किया गया कि ओमवीर सिंह ने किसी अन्य को अपने स्थान पर तैनात कर लिखित परीक्षा पास की है।
इस शिकायत पर कोर्ट आफ इन्क्वायरी का गठन किया गया। इसमें बोर्ड ने प्रशिक्षणार्थी की लिखित परीक्षा, पीएसटी और मेडिकल एडमिट कार्ड पर उपलब्ध हस्ताक्षर, हैंडराइटिंग और एलटीआइ को विशेषज्ञ जांच के विधि विज्ञान प्रयोगशाला शिमला भेजा। जांच रिपोर्ट में अलग-अलग व्यक्ति के हस्ताक्षर और हैंडराइटिंग पाए गए थे।
इसके बाद सीआइएसएफ प्रशिक्षण केंद्र बहरोड़ की ओर से प्राथमिकी दर्ज कर प्रशिक्षित आरक्षक ओमवीर सिंह को बर्खास्त कर दिया। करीब आठ वर्ष बाद शनिवार को थाना बहरोड़ जिला अलवर से एएसआइ दलीप कुमार के नेतृत्व में आई पुलिस टीम शनिवार को सुरीर पुलिस के सहयोग से गांव सामोली में दबिश देकर आरोपित युवक ओमवीर सिंह को गिरफ्तार कर ले गई है।
थाना प्रभारी अभय कुमार शर्मा ने बताया कि कर्मचारी चयन आयोग की जीडी कांस्टेबल परीक्षा में फर्जीवाड़े करने के आरोप में राजस्थान पुलिस सुरीर क्षेत्र से एक युवक को अपने साथ ले गई है।
बर्खास्त होने के बाद बन गया पंचायत सहायक
फर्जीवाड़े में बर्खास्त होने के बाद ओमवीर सिंह ग्राम सभा सामोली में पंचायत सहायक के रूप में तैनात था। आरोपित युवक का कहना था कि उसे अपने खिलाफ प्राथमिकी होने का पता ही नहीं चला और न उनके इस बाबत कोई सूचना आई। अब करीब आठ साल बाद पुलिस ने बताया कि वह परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े में वांछित चल रहा था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।