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    मथुरा में मिट्टी का टीला धंसने से छह मकान गिरे, दो सगी बहनों समेत तीन की की मौत; SDRF और NDRF की टीमें बुलाईं

    Updated: Sun, 15 Jun 2025 03:37 PM (IST)

    मथुरा के गोविंद नगर क्षेत्र में शाहगंज दरवाजे के पास टीले की मिट्टी धंसने से बड़ा हादसा हो गया। कई मकानों के हिस्से गिरने से वहां काम कर रहे मजदूर मलबे में दब गए। पुलिस और दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर दबे हुए लोगों को निकालने में जुटी है। यह घटना टीले के आसपास दीवार लगाने के दौरान हुई जिससे मिट्टी धंस गई और मकान गिर गए।

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    टीले की मिट्टी धंसकने से कई मकानों के हिस्से गिरे, मौके पर पहुंची राहत और बचाव का कार्य जारी है।

    जागरण संवाददाता, मथुरा। गोविंद नगर के कच्ची सड़क पर पार्किंग चला रहे भूमाफिया ने बाउंड्रीवाल के लिए माया टीले की मिट्टी को खोदवा दिया। इससे रविवार सुबह 11 बजे मिट्टी का टीला धंसने से छह मकान गिर गए। मलबे में दबने से दो सगी बहनों समेत तीन की मृत्यु हो गई।

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    आधा दर्जन मजदूरों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। हादसे की जानकारी मिलते ही कई थानों की पुलिस के साथ नगर निगम, सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ, डाग स्क्वायड समेत टीमें मौके पर पहुंच गई और आठ जेसीबी की मदद से रेस्क्यू शुरू किया गया। दोपहर तक सफलता नहीं मिलने पर गाजियाबाद से एनडीआरएफ की टीम आई।

    गोविंद नगर के कच्ची सड़क पर माया टीला के पास ही एक बड़ी भूमि के हिस्से में भूमाफिया द्वारा पार्टनरशिप में वाहनों की पार्किंग चलाई जा रही थी। साथ ही इस भूमि की चारों तरफ से बाउंड्रीवाल भी कराई जा रही थी। इसके लिए टीले की मिट्टी को मजदूरों से खोदवाया जा रहा था। रविवार को मजदूर टीले के नीचे से बाउंड्रीवाल की चिनाई का कार्य कर रहे थे। सुबह 11 बजे टीला धंसने से विनोद हलवाई, बजरंग सैनी, सूरज न्यारिया, राधामुन्नी, मधु पुजारी, मानसिंह, पन्नालाल और विजय के मकान गिर गए।

    मलबे में बजरंग सैनी का बेटा तोताराम और विनोद हलवाई के साले की दो बेटियां युवानी और काव्या दब गईं। मलबे में नीचे काम करने वाले आधा दर्जन से अधिक मजदूरों के भी दबने की आशंका जताई गई। हादसे को देख लोगों की चीख-पुकार मच गई। आसपास के लोग मौके पर दौड़े। जिला प्रशासन और पुलिस को सूचना दी गई। 

    जिलाधिकारी सीपी सिंह, एसएसपी श्लोक कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट राकेश यादव, एसपी ट्रैफिक मनोज यादव, सीओ सिटी भूषण वर्मा कई थानों की पुलिस, नगर निगम, सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ, डाग स्क्वायड, स्वास्थ्य विभागों की टीम के साथ मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू अभियान चलाया।

    करीब पौन घंटे बाद टीम ने तोताराम और दो सगी बहनों को मलबे से बाहर निकाल लिया तीनों को एंबुलेंस जिला अस्पताल भेजा गया, जहां चिकित्सकों ने उनको मृत घोषित कर दिया। इधर मजदूरों की तलाश में शाम चार बजे तक आठ जेसीबी की मदद से मलबे को हटाने का रेस्क्यू चलाया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद गाजियाबाद से एनडीआरएफ टीम को बुलाया गया। देर शाम तक एनडीआरएफ टीमें मलबे के नीचे दबे मजदूरों की तलाश में जुटी रही। जिलाधिकारी सीपी सिंह ने बताया कि हादसे की मजिस्ट्रेट जांच कराई जाएगी। भूमाफिया द्वारा मिट्टी खोदवाने की नगर निगम से अनुमति ली गई या नहीं। किसकी अनुमति से निर्माण कराया जा रहा था। इन सबकी जांच की जाएगी।

    हादसे के बाद भूमाफिया गायब, मोबाइल बंद

    हादसे के बाद पुलिस ने भूमाफिया के बारे में जानकारी जुटाई और उनकी तलाश की गई, लेकिन हादसे के बाद से सभी फरार हो गए। उनके मोबाइल भी स्विच आफ हैं।

    भूमि का सिविल में चल रहा मुकदमा

    बताया जा रहा है कि पार्किंग की भूमि का सिविल में मुकदमा भी चल रहा है। वादी पदम सिंह ने स्टे भी ले रखा है, लेकिन इसके बाद भी भूमाफिया द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा था।