भक्तों के लिए आज शाम 5 बजे से खुलेंगे कात्यायनी देवी मंदिर के द्वार, वृंदावन में कई क्षेत्रों उतरा बाढ़ का पानी
वृंदावन में यमुना के जल स्तर में कमी आने से कई इलाकों में बाढ़ का पानी उतर गया है जिससे लोगों को राहत मिली है। जुगलघाट परिक्रमा मार्ग से बांकेबिहारी मंदिर के लिए रास्ता खुल गया है लेकिन खादर की कॉलोनियों में अभी भी जलभराव है। कात्यायनी देवी मंदिर छह दिन बाद शनिवार शाम को श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा। परिक्रमा मार्ग में फंसी मछलियों को बचाने में लोग जुटे हैं।

संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। यमुना में जिस तेजी से यमुना का जल स्तर बढ़ने से नगर के कई क्षेत्रों में बाढ़ के हालात बने, उसी गति से नगर के ज्ञानगुदड़ी सहित कई नगर के कई क्षेत्रों में जलभराव की समस्या समाप्त हो गई। जुगलघाट परिक्रमा मार्ग की ओर से ठाकुर बाकेबिहारी मंदिर को जाने वाला मार्ग से जलभराव न रहने पर श्रद्धालुओं का आवागमन शुरू हो गया है।
चीरघाट से पानीघाट तक परिक्रमा मार्ग से पानी चला गया। लेकिन, गंदगी और दल-दल में होकर लोगों ने आवागमन शुरू कर दिया है। खादर की कॉलोनी में बाढ़ की विभीषिका से लोग जूझ रहे हैं। श्याम नगर सहित कई कालोनियों के घरों में कमर तक पानी भरा हुआ है।
जुगलघाट परिक्रमा मार्ग से बांकेबिहारी मंदिर आ जाने लगे श्रद्धालु
यमुना का जल स्तर कम होने के साथ ही नगर के ज्ञानगुदड़ी, रामानुज नगर, दुर्गापुरम, रतनछतरी क्षेत्रों में जलभराव की समस्या समाप्त हो गई। परिक्रमा मार्ग से भी बाढ़ का पानी उतर गया, लेकिन परिक्रमा मार्ग में गंदगी और गाद जमा हो गई है। परिक्रमा मार्ग के आसपास भरे पानी में से तेज दुर्गंध से परिक्रमा मार्ग में चलना मुश्किल हो रहा है। पानी उतरने के साथ ही फिर से लोगों ने नगर की पंचकोसीय परिक्रमा शुरू कर दी है।
कई क्षेत्रों एवं परिक्रमा मार्ग से बाढ़ का पानी उतरा
हालांकि केशीघाट पर यमुना का जल स्तर अधिक होने के कारण घाटों से होकर परिक्रमा बाधित है। भक्तजनों ने राधारमण मंदिर की ओर से होकर नगर की परिक्रमा शुरू कर दी है। परिक्रमा मार्ग से पानी उतर जाने से बाढ़ के पानी के साथ आईं बड़ी संख्या में मछलियां मार्ग एवं नालियों में भरे पानी में रह गई है। बच्चे और बड़े उन मछलियों का जीवन बचाने में लगे हैंं। उन्हें उठाकर जहां यमुना का पानी भरा है वहां पहुंचा रहे हैं।
आज शाम पांच बजे से कात्यायनी देवी मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खुलेंगे
जुगलघाट परिक्रमा मार्ग की ओर से ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर को जाने वाले मार्ग में पिछले आठ दिनों के बाद जलभराव की समस्या खत्म होने पर शुक्रवार सुबह से ही आवागमन शुरू हो गया है। श्रद्धालु इस मार्ग से भी ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर की ओर आ−जा रहे हैं। बाढ़ की चपेट में आए सुप्रसिद्ध कात्यायनी देवी मंदिर के चौक एवं परिसर में अभी भी एक फीट पानी भरा हुआ है। मंदिर प्रबंधन पानी को निकालने के लिए प्रयास में जुटा है।
मंदिर के प्रबंधक विजय मिश्रा ने बताया कि मंदिर के चौक एवं द्वार के बाहर एक फीट पानी भरा हुआ है। पानी बहुत ही धीमी गति से कम हो रहा है। उन्होंने बताया कि छह दिन के बाद शनिवार शाम पांच बजे मंदिर का द्वारा आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन के लिए खुलेगा।
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