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    Mathura Flood: बाजार और आबादी में आया बाढ़ का पानी, 1978 के बाद पहली बार यमुना विकराल

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 08:13 AM (IST)

    मथुरा में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है जिससे बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। 1978 के बाद पहली बार यमुना इतने रौद्र रूप में है जिससे खादर और तटवर्ती क्षेत्रों में पानी भर गया है। विश्राम घाट स्वामी घाट और वृंदावन के कई इलाकों में जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

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    Mathura Flood Update: यमुना नदी का पानी बढ़ने से नाव से लोग निकल रहे हैं।

    जागरण संवाददाता, मथुरा। Mathura Flood: यमुना के तेजी से बढ़ते जलस्तर ने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। 1978 में आई बाढ़ के बाद पहली बार यमुना इतने रौद्र रूप में हैं। 2023 में आई बाढ़ का रिकार्ड तो पहले ही टूट गया, वर्ष 2010 में यमुना में आई बाढ़ से भी अधिक पानी इस बार सड़कों पर आ गया है। सोमवार सुबह जलस्तर खतरे के निशान 166 मीटर को पार कर 166.67 मीटर पहुंच गया। यमुना किनारे के बाजारों में पानी आने से स्थिति बिगड़ गई। सोमवार को दोपहर में जलस्तर कई घंटे तक 167.64 मीटर पर स्थिर रहा।

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    खतरे के निशान से साढ़े चार फीट ऊपर बह रही यमुना

    रविवार रात यमुना का जलस्तर 167.50 मीटर था। रातभर में यमुना के जलस्तर में 17 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई। इसका असर यमुना की खादर एवं तटवर्ती क्षेत्र में पानी का स्तर और बढ़ गया। मथुरा जोन में स्वामी घाट को पार कर यमुना का पानी बाजार मार्ग तक पहुंच गया। विश्राम घाट में पानी भरा हुआ है, यहां जाने वाले मार्ग लबालब हैं। बंगाली घाट पार कर पानी बाजार मार्ग पर भी पानी के स्तर में एक फीट की वृद्धि हो गई। ये मार्ग पहले से ही बंद चल रहा है।

    लोगों को आने−जाने में परेशानी

    रविवार को यमुना का पानी सदर क्षेत्र की गलियों में भर गया। यहां के अशोक विहार, जमुना पार रोड, महादेव घाट रोड पर सुबह चार फीट तक पानी और बढ़ गया, इससे आवागमन में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। यमुना की खादर टापू बनी हुई है। यहां बने सैकड़ों मकान पानी में डूबे हुए हैं। लोगों का आवागमन जलभराव वाले क्षेत्र में बाधित बना हुआ है। यहां भी हालात और विकराल हो गए।

    ट्रैक्टर और नाव से निकाले जा रहे बाढ़ पीड़ित, दिन भर स्थिर रहा जलस्तर

    खादर क्षेत्र के जयसिंहपुरा, गणेश टीला, भक्ति धाम कालोनी समेत कई क्षेत्र के लोग राहत शिविर एवं किराए के मकानों में रह रहे हैं। ड्रेन का पानी नाले के जरिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर पहुंच रहा है। लेकिन, इन दिनों नाला ओवरफ्लो होने के कारण ये पानी सीधे यमुना में जा रहा है, जो वापसी मार रहा है। मसानी से हाईवे लिंक मार्ग पर कई मीटर कल्याणं करोति नेत्र चिकित्सालय तक पानी भर जाने से प्रभावित हो गया है।

    कॉलोनियों में बाढ़ से हालात बदतर

    उधर,यमुना के रौद्र रूप ने वृंदावन की खादर की दो दर्जन कालोनी में जहां बाढ़ से हालात बदतर हो गए हैं। ज्ञानगुदड़ी, राधाबाग, रामानुज नगर, दुर्गापुरम, रतनछतरी, चीरघाट क्षेत्र, शाहजी मंदिर क्षेत्र, जंगलकट्टी, दाऊजी तिराहा क्षेत्र में पानी दो से चार फीट पानी भर गया है।

    गौरानगर मार्ग पर नाव चल रही

    टटिया स्थान मार्ग, ज्ञानगुदड़ी क्षेत्र के मकानों और आश्रमों के अंदर भी दो से तीन फीट पानी भर गया है। पानीघाट तिराहा से गौरानगर मार्ग पर नाव चल रही है। रामानुज नगर में दो से तीन फीट पानी भरा है। कात्यायनी देवी मंदिर की पीछे की दो सौ मीटर की पुरानी दीवार यमुना के पानी के दबाव के ढह गई। वृंदावन में ही 28 ट्रांसफारमर से बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है। इससे सैकड़ों घर अंधेरे में हैं।