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    सजा पूरी, वतन लौटने को चाहिए 40 हजार

    बिना वीजा रहने पर वृंदावन में गिरफ्तार हुआ था क्रोएशिया का युवकएयर टिकट को स्वजन ने जताई असमर्थता दूतावास ने खड़े किए हाथ

    By JagranEdited By: Updated: Wed, 10 Feb 2021 06:27 AM (IST)
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    सजा पूरी, वतन लौटने को चाहिए 40 हजार

    मनोज चौधरी,मथुरा: बगैर वीजा भारत में रहने के आरोप में सलाखों के पीछे पहुंचे क्रोएशिया के युवक ने सजा तो पूरी कर ली है। मगर, अपने वतन नहीं लौट पा रहा है। कारण, उसके पास एयर टिकट के लिए 40 हजार रुपये नहीं हैं। स्वजन ने असमर्थता जता दी हैं और दूतावास ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। फिलहाल उसे जेल डिटेंशन सेंटर में ही रखा गया है।

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    क्रोएशिया के जिला ईस्टर के थाना हरवा कोटिया के जोरान जग्रेड निवासी जोरन जोलिक (37वर्ष) को बिना वीजा निवास के आरोप में 26 जुलाई, 2019 को वृंदावन से गिरफ्तार किया गया था। 14 विदेशी अधिनियम के तहत अदालत ने उसे डेढ़ साल कारावास (इसमें जेल में रहने की अवधि भी शामिल थी) की सजा सुनाई थी। साथ ही, पांच सौ रुपये जुर्माना लगाया था। जुर्माना अदा न करने पर पांच दिन की अतिरिक्त सजा का भी प्रविधान था। जोरन जोलिक ने निर्धारित अवधि की सजा काट ली। जुर्माना अदा न करने पर पांच दिन कारावास की अतिरिक्त सजा भी 21 जनवरी, 2021 को पूरी हो गई थी।

    जेल से रिहा होकर जोरन जोरिक को अपने देश लौटना था, मगर उसके पास एयर टिकट के लिए 40 हजार रुपये नहीं थे। जेल प्रशासन ने उसके स्वजन से संपर्क किया। स्वजन ने किसी भी तरह की मदद के सवाल पर असमर्थता जाहिर कर दी। जेल प्रशासन के अनुरोध पर लोकल इंटेलीजेंस यूनिट (एलआइयू) ने विदेशी दूतावास से संपर्क किया। मगर, दूतावास ने भी हाथ खड़े कर दिए।

    यमुना में फेंक दिए थे कागजात

    गिरफ्तारी के बाद जोरन जोरिक ने पुलिस को बताया था कि वो स्टूडेंट वीजा (वेदों का अध्ययन करने के लिए) पर भारत आया था। वीजा की वैधता 30 अप्रैल, 2012 को समाप्त हो गई थी। ये भी बताया था कि क्रोएशिया से जारी पासपोर्ट 30 अप्रैल, 2022 तक वैध है। हालांकि जोरन जोरिक ये दस्तावेज नहीं दिखा पाया था, कहा था कि उसने अपने दस्तावेज यमुना में फेंक दिए हैं।

    जेल अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रेय ने कहा कि

    क्रोएशिया तक हवाई जहाज का किराया 40 हजार रुपये है। हमारे पास ऐसा कोई फंड नहीं होता है। स्वजन ने असमर्थता जताई है, दूतावास से भी सकारात्मक जवाब नहीं मिला। ऐसी स्थिति में प्रशासन के आदेश पर जोरन जोलिक को जेल में ही डिटेंशन सेंटर में रखा गया है।

    ये है नियम

    जेल अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रेय के अनुसार, किसी भी विदेशी नागरिक को जेल से तभी रिहा किया जाता है, जब उसके देश लौटने की व्यवस्था हो। अन्यथा की स्थिति में वो बगैर वीजा देश में भ्रमण करेगा। पकड़े जाने पर 14 विदेशी अधिनियम के तहत फिर सजा भुगतनी पड़ेगी।

    अस्थायी पासपोर्ट बनवाया

    खुफिया विभाग ने क्रोएशिया दूतावास से संपर्क कर जोरन जोरिक का अस्थायी पासपोर्ट जारी कराया है। ये पासपोर्ट इसी 25 मार्च तक वैध है। जोरन जोरिक की एयर टिकट कंफर्म हो जाती है तो खुफिया विभाग आनलाइन आवेदन कर वीजा भी मुहैया करा देगा।