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    बांकेबिहारी मंदिर में जन्माष्टमी पर मंगला आरती में उमड़ी भारी भीड़, 175 साल पुरानी परंपरा टूटी; नहीं हुआ कथा वाचन

    Updated: Sun, 17 Aug 2025 03:21 PM (IST)

    वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर मंगला आरती भारी अव्यवस्था के बीच हुई। तय संख्या से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रवेश किया जिससे भक्तों को परेशानी हुई। 175 साल पुरानी परंपरा टूट गई कथा वाचन नहीं हुआ। सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद अत्यधिक भीड़ मंदिर में प्रवेश कर गई जिससे दर्शन मुश्किल हो गया।

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    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में वर्षभर में एक ही दिन होने वाली मंगला आरती भारी अव्यवस्थाओं के बीच संपन्न हुई। प्रशासनिक अधिकारियों, भारी संख्या में पुलिसकर्मी और उनके स्वजनों के अलावा बाहरी श्रद्धालुओं को मंदिर प्रांगण में आरती से पहले ही प्रवेश मिल गया।

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    मंदिर की हाईपॉवर कमेटी द्वारा मंगला आरती में पांच सौ लोगों की एंट्री अनुमति के बजाय करीब साढ़े तीन हजार लोगों ने मंगला आरती के दर्शन किए। मंगला आरती पूरी होने के बाद मंदिर के बाहर रात नौ बजे से दर्शन का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को प्रवेश मिला। सुबह साढ़े पांच बजे तक मंदिर में श्रद्धालुओं को आराध्य बांकेबिहारीजी के दर्शन का लाभ मिल सका।

    स्वर्ण-रजत व हीरे-मोती जड़ित श्रृंगार कर आराध्य बांकेबिहारीजी ने दिए दर्शन

    ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में शनिवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर रात बारह बजे मंदिर सेवायतों ने आराध्य के श्रीविग्रह का पंचामृत से महाभिषेक किया। इसके बाद मंदिर के जगमोहन में चांदी के सिंहासन पर ठाकुरजी को विराजित करवाया। चांदी के दिव्य सिंहासन पर पीत पोशाक में स्वर्ण-रजत व हीरे-मोती जड़ित श्रृंगार कर आराध्य बांकेबिहारीजी ने सुबह 1 बजकर 45 मिनट पर भक्तों को दर्शन दिए तो भक्तों की भीड़ से खचाखच भरे प्रांगण में जयकारे गूंजने लगे। मंदिर परिसर में मौजूद पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के अलावा भारी संख्या में पुलिसकर्मी व अधिकारी मौजूद रहे।

    मंगला आरती में एंट्री मिलने वाले श्रद्धालु हुए आनंदित

    इसके अलावा प्रशासन द्वारा जारी एंट्री पास के आधार पर करीब ढाई हजार से अधिक श्रद्धालुओं को मंदिर में एंट्री मिल चुकी थी। श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण उमसभरी गर्मी में श्रद्धालुओं का दम घुटने लगा था। जैसे ही 1 बजकर 55 मिनट पर ठाकुरजी की मंगला आरती शुरू हुई तो श्रद्धालुओं के आनंद का ठिकाना न रहा। वर्षभर में एक ही दिन होने वाली मंगला आरती दर्शन श्रद्धालुओं को रिझा रही थी। तो बाहर खड़े लाखों श्रद्धालुओं में मायूसी छा गई। आराध्य की मंगला आरती के दर्शन को रात नौ बजे से आसपास के इलाकों में प्रतीक्षा कर रहे श्रद्धालु मंगला आरती दर्शन से वंचित रह गए।

    श्रद्धालुओं ने किया दर्शन

    मंगला आरती खत्म होने के बाद पुलिस व मंदिर के सुरक्षागार्डों ने मंदिर के प्रवेशद्वार खोले और फिर जाकर श्रद्धालुओं को आराध्य के दर्शन ही संभव हो सके। सुबह साढ़े पांच बजे तक मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती ही रही।

    मंगला आरती दर्शन में एडीजी जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ, मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार सिंह, डीआईजी शैलेश कुमार पांडे, डीएम सीबी सिंह, एसएसपी श्लोक कुमार के अलावा अनेक न्यायाधिकारी व सेवानिवृत्त न्यायायिक अधिकारी मौजूद रहे।

    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर टूटी 175 वर्ष पुरानी परंपरा

    ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर वर्षभर में एक ही बार होने वाली मंगला आरती के दौरान 175 वर्ष पुरानी परंपरा रही है कि मंगला आरती से पहले रात में जब ठाकुरजी का महाभिषेक होता है, उस समय मंदिर सेवायत परिवार का कोई एक सदस्य चबूतरे पर श्रीमद्भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग का कथा का श्रवण श्रद्धालुओं को करवाता है। इसके बाद ही मंगला आरती शुरू होती है। लेकिन, इस बार मंदिर प्रबंधन की व्यवस्था हाईपॉवर कमेटी के हाथ पहुंचने पर पहली बार चबूतरे पर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा का वाचन नहीं हो सका।

    सेवायतों को पत्र लिखकर दिया आमंत्रण

    जब मामले की जानकारी मंदिर प्रबंधक से की तो प्रबंशक उमेश सारस्वत ने कहा हमने तो मंदिर सेवायतों को पत्र लिखकर कथावाचन का आमंत्रण दिया। लेकिन, सेवायतों ने मंदिर के चबूतरे पर श्रद्धालुओं की मौजूदगी न होने और उचित वातावरण न होने का हवाला देते हुए कथा श्रवण करवाने से इनकार कर दिया।

    उधर जब जो कथावाचक मंदिर सेवायत हैं ब्रजेश गोस्वामी से बात की तो कहा मंदिर प्रबंधन किसी तरह की व्यवस्था नहीं कर रहा था। मंदिर की बुर्जी पर बैठकर कथा सुनाने के लिए बोल दिया। मैं पिछले 18 वर्ष से कथा सुना रहा हूं, हमें पत्र तो मिला लेकिन व्यवस्था ही नहीं मिल रही तो कैसे कथा सुनाते। ऐसे में हमने तो घर से ही कथा सुनाकर संतुष्टि कर दी। जबकि पहले मंदिर चबूतरे पर कथाव्यास की गद्दी सजाई जाती थी।

    मंदिर मार्ग पर तैनात रही भारी पुलिसफोर्स

    ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में मंगला आरती दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को एंट्री पास जारी किए। ऐसे में मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को चार जगह पर पास दिखाकर ही मंदिर तक पहुंचना पड़ा। बावजूद इसके मंदिर प्रांगण में तय संख्या 500 से कहीं अधिक कई हजार श्रद्धालु मंगला आरती दर्शन के लिए एंट्री पा गए।