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    रहें सवाधान! आर्मी अधिकारी बनकर मथुरा के व्यापारी से ढाई लाख की ऑनलाइन ठगी

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 01:34 PM (IST)

    मथुरा में एक पोशाक व्यापारी आर्मी अधिकारी बनकर ठगों का शिकार हो गया, जिससे उसे ढाई लाख रुपये का नुकसान हुआ। ठगों ने विश्वास जीतने के लिए छावनी परिषद की फर्जी लोकेशन भेजी और फिर किस्तों में पैसे ऐंठ लिए। व्यापारी ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। ऑनलाइन ठगी का यह मामला सामने आया है।

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    सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, मथुरा। आर्मी अधिकारी बनकर ठगों ने पोशाक कारोबारी से ढाई लाख रुपये की ठगी कर ली। कारोबारी को विश्वास में लेने के लिए ठगों ने मथुरा छावनी परिषद की लोकेशन भी भेज दी। इसके बाद ठगों ने उनसे ढाई लाख रुपये आनलाइन ट्रांसफर करा लिए। मोबाइल बंद होने पर कारोबारी को ठगी का अहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

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    मथुरा छावनी परिषद की लोकेशन भेजकर विश्वास में लिया

    द्वारिकाधीश मंदिर के समीप नया बाजार में दिलीप अग्रवाल की बृजवासी पोशाक केंद्र के नाम से फर्म है। वह भगवान श्रीकृष्ण की पोशाक बनाने का कारोबार करते हैं। उन्होंने बताया कि उनका एक चालू खाता बैंक ऑफ बड़ौदा डैंपियर नगर शाखा में है। छह अक्टूबर को उन्हें एक मोबाइल नंबर से संपर्क किया गया। इसमें काल करने वाले ने स्वयं को मथुरा कैंट में आर्मी अधिकारी बताते हुए 200 ड्रेसों का बड़ा ऑर्डर देने की बात कही। ठगों ने विश्वास में लेने के लिए छावनी परिषद कार्यालय मथुरा की लोकेशन भी भेजी।


    पीड़ित ने कोतवाली में दर्ज कराया मुकदमा, जांच शुरू

    पीड़ित ने एडवांस भुगतान की मांग की, लेकिन उन्हें भरोसा दिलाया गया कि संपूर्ण भुगतान माल की डिलीवरी के बाद आर्मी हेड आफिस दिल्ली द्वारा किया जाएगा। इसी भरोसे में 13 अक्टूबर को व्यापारी ने माल डिलीवरी के लिए भेज दिया। ठगों ने गेट पास बनवाने का बहाना बनाकर बिल वाट्सएप पर मंगवाया। इसी बीच दूसरे नंबर से फोन आया। फोन करने वाला खुद को मेजर कुलदीप सिंह आर्मी हेड अकाउंट बताया। उसने कहा कि व्यापारी का भुगतान प्रक्रिया में है।

    रजिस्ट्रेशन के लिए मांगे रुपये

    रजिस्ट्रेशन के लिए पांच रुपये भेजने होंगे। व्यापारी ने रुपये भेजे और तुरंत 10 रुपये वापस पाकर उसे विश्वास हो गया। इसके बाद 15 और अन्य छोटी राशि भेजने पर भी डबल करके रुपये लौटा दिए। पूरा विश्वास होने पर ठगों ने बिल की राशि भेजकर पूरी राशि डबल होकर वापस आने की बात कही।

    पीड़ित ने दो लाख 65 हजार रुपये भेज दिए। फिर ठग रिफंड-रिफंड बोलकर व्यापारी को भ्रमित करते रहे और फोन बंद कर दिया। पीड़ित को समझ आया कि वह आनलाइन ठगी का शिकार हो चुके हैं। कोतवाल विनोद बाबू मिश्र ने बताया कि मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है।