Banke Bihari Charan Darshan: अक्षय तृतीया पर दिखा प्रभु का भव्य स्वरूप, बांकेबिहारी ने लाखों भक्तों को दिए चरण दर्शन
Akshay Tritiya Banke Bihari Charan Darshan | अक्षय तृतीया पर लाखों श्रद्धालु ठाकुर बांकेबिहारी के चरण दर्शन के लिए उमड़ पड़े। हीरे-जवाहरात से सजे ठाकुर जी ने भक्तों को मनमोहक रूप में दर्शन दिए। सुबह पौने दो घंटे पहले मंदिर के पट खुल गए और भक्तों ने चंदन के लड्डू का प्रसाद पाया। युवतियों ने मनोकामना पूर्ति के लिए पाजेब अर्पित कीं। दिन भर भक्तों का तांता लगा रहा।

जागरण संवाददाता, मथुरा। मोर-मुकुट, कटि-काछनी, सुनहरा शृंगार धारण कर हीरे, जवाहरात जड़े कटारे-टिपारे पहनकर बुधार सुबह ठाकुर बांकेबिहारी ने भक्तों को चरण दर्शन दिए तो उनकी श्रद्धालुओं की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
अक्षय तृतीया पर वर्ष में एक बार ही ठाकुर जी के चरण दर्शन होते हैं। निर्धारित समय से करीब पौने दो घंटे पहले सुबह छह बजे ही मंदिर के पट खुल गए। चरण दर्शन कर अक्षय पुण्य पाकर हर श्रद्धालु आल्हादित हो गया। भक्तों की भीड़ सुबह से ही मंदिर में उमड़ने लगी। ठाकुर जी के चरणों में सवा किलो चंदन का लड्डू रखा गया। कतारबद्ध होकर लाखों श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। करीब साढ़े चार घंटे अधिक दर्शन हुए।
बांकेबिहारी ने भक्तों को दिए चरण दर्शन
अक्षय तृतीया पर ठाकुर बांकेबिहारीजी ने मोर-मुकुट, केसरिया कटि-काछनी के साथ सुनहरे शृंगार और केसरिया पोशाक में चांदी की चरणचौकी पर खड़े होकर भक्तों को दर्शन दिए। उनके चरणों के समीप चंदन का लड्डू इस दिव्य दर्शन की विशेषता बढ़ा रहा था। शाम को चंदन लेपन कर सर्वांग दर्शन देकर आराध्य ने भक्तों को आल्हादित किया।
ठाकुरजी के दिव्य चरण व सर्वांग चंदन लेपन दर्शन श्रद्धालुओं के लिए दुर्लभ दर्शन हुए। ठाकुर बांकेबिहारी लाल के श्रीविग्रह पर चंदन लेपन, लांघ बंधी धोती, सिर से पैर तक स्वर्ण शृंगार, सोने, हीरे और जवाहरात से जड़े कटारे, टिपारे, चरणों में चंदन का लड्डू के मनोहारी दर्शन हुए, तो मंदिर परिसर बांकेबिहारी के जयकारे से गूंज उठा। सुबह एक घंटे 45 मिनट पहले ही मंदिर के पट खोल दिए।
इससे पहले ही हजारों की संख्या में भक्त मंदिर के आसपास पहुंच गए थे। मंदिर के पट खुले तो भक्तों के इंतजार के पल खत्म हुए, तो मानो उनकी खुशी का ठिकाना न था। सुबह शुरू हुआ भक्तों की भीड़ दोपहर को राजभोग आरती तक अनवरत रूप से जारी रही।
दोपहर में आधे घंटे बाद पट बंद हुए तो शाम को फिर निर्धारित समय से डेढ़ घंटे पहले चार बजे ही खोल दिए गए। ठाकुर बांकेबिहारी को राजभोग और शयनभोग में सतुआ के लड्डू और शर्बत अर्पित किया गया। सतुआ के लड्डू और चंदन लड्ड़ू का प्रसाद भी भक्तों को बांटा।
युवतियों ने मनोकामना पूरी करने को अर्पित कीं पाजेब
अक्षय तृतीया पर मान्यता है विवाह योग्य युवतियां अगर ठाकुरजी के चरणों में पाजेब अर्पित करती हैं, तो उन्हें इसी वर्ष मनचाहा सुहाग मिलता है। इसी मनाेकामना की पूर्ति के लिए अक्षय तृतीया पर ठाकुर बांकेबिहारी के चरणों में दिनभर में करीब चार सौ चांदी की पाजेब और करीब दो दर्जन स्वर्ण पाजेब भक्तों ने अर्पित कीं।
भीड़ व गर्मी में बिगड़ी श्रद्धालु की तबीयत
अक्षय तृतीया पर ठाकुर बांकेबिहारीजी के चरण दर्शन को आए दिल्ली निवासी 70 वर्षीय ब्रजेश की मंदिर प्रांगण में अचानक तबीयत बिगड़ गई। श्रद्धालु बुुजुर्ग की तबीयत बिगड़ते देख पुलिसकर्मियों ने श्रद्धालु को उठाया और चबूतरे पर मौजूद चिकित्सकों के पास पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें प्राथमिक उपचार देकर राहत दी। गर्मी में श्रद्धालुओं को दिक्कत न हो, इसके लिए रास्ते में कारपेट बिछाई गई थी।
डीएम, एसएसपी ने संभाली कमान
अक्षय तृतीया पर ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सहूलियत के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लेने को सुबह से ही डीएम सीपी सिंह, एसएसपी श्लोक कुमार मंदिर के कंट्रोलरूम में बैठ गए। दोनों अधिकारियों ने ठाकुरजी के दर्शन कर मंदिर के अंदर और बाहर की सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाली। मंदिर प्रांगण में व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे।
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