संतों ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति के लिए भरी हुंकार, ब्रज में मांस-मदिरा बिक्री पर प्रतिबंध की मांग
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति के लिए संतों ने हुंकार भरी। श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास ने उड़िया बाबा आश्रम में विश्व नारायण महायज्ञ किया। संतों ने आंदोलन को देश-विदेश में मजबूत करने का संकल्प लिया। न्यास अप्रैल में ब्रज से कश्मीर तक जनजागरूकता यात्रा निकालेगा और पूरे ब्रज को तीर्थ घोषित करने की मांग की। कार्यक्रम में 'अयोध्या हुई हमारी है, अब मथुरा की बारी है' के नारे लगे।

जागरण संवाददाता, मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति के लिए संतों ने सोमवार को फिर हुंकार भरी। श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास ने उड़िया बाबा आश्रम में विश्व नारायण महायज्ञ और अंतरराष्ट्रीय हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया।
यहां संतों ने देश के साथ ही विदेश में भी आंदोलन को और मजबूत करने की हुंकार भरी। न्यास एवं ब्रह्म कीर्ति रक्षक दल अगले साल अप्रैल में ब्रज से कश्मीर तक जनजागरूकता के लिए यात्रा भी निकालेगा। पूरे ब्रज को तीर्थ घोषित करने की मांग भी उठी।
न्यास के अध्यक्ष दिनेश फलाहारी की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में न्यास के अमेरिका अध्यक्ष प्रशांत त्यागी, कैलिफोर्निया के अध्यक्ष मनीष अरोड़ा ने सुबह श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ का आयोजन किया। शाम तक चले यज्ञ में 11 लाख आहुति दी गईं। यहां संतों व अन्य लोगों ने अयोध्या हुई हमारी है अब मथुरा की बारी है के नारे लगाए।
शाम को हिंदू सम्मेलन में बिहारी लाल वशिष्ठ ने कहा कि न्यास एवं ब्रह्म कीर्ति रक्षक दल अप्रैल में ब्रज से कश्मीर तक की यात्रा श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लिए निकालेगा। पीपा द्वाराचार्य बलराम बाबा, संत विजय दास महाराज ने कहा कि अब वक्त आ गया है, जब भगवान श्री कृष्ण का भव्य मंदिर अतिक्रमण मुक्त होकर अपने परम वैभव को प्राप्त करें।
अमेरिका से आए प्रशांत त्यागी ने कहा कि संपूर्ण जगत भगवान कृष्ण की पावन भूमि है। हम सभी देश के साथ पश्चिमी देशों में श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति के लिए अभियान चला रहे हैं। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनीष अरोड़ा, प्रवीण शर्मा ने कहा कि ब्रजमंडल में मांस मदिरा की बिक्री पर प्रतिबंध लगना चाहिए। सरकार को इस ओर सख्त कदम उठाना चाहिए।
इंद्र देवानंद महाराज, आचार्य जोगिंद्र भारद्वाज, बाबा कर्मयोगी, हरि सुरेशाचार्य, लक्ष्मी नारायण आचार्य, करुणा शंकर त्रिवेदी, मनोज मोहन शास्त्री, नरेश सिंह, जयराम शर्मा, महामंडलेश्वर सत्यानंद, महामंडलेश्वर कृष्णानंद महाराज, पवन महाराज, दशरथ दास, महंत संतोष दास, महंत मोहिनी शरण, आचार्य करन कृष्ण गोस्वामी, चंद्रन लाल आदि मौजूद रहे।

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