Saint Premanand: 'कच्छ की कोयल' ने सुनाया कृष्ण भजन, गदगद हुए संत प्रेमानंद
वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज के आश्रम में गुजरात की भजन गायिका गीता रबारी ने भेंट की और उन्हें कृष्ण भजन सुनाया, जिससे वे बहुत प्रसन्न हुए। एक विदेशी महिला ने प्रेम में आने वाली बाधाओं पर प्रश्न किया, जिसके उत्तर में संत प्रेमानंद ने कहा कि जहाँ राधा हैं, वहाँ कोई बाधा नहीं है, शारीरिक कष्ट भी उनकी कृपा है।

कच्छ की कोयल ने प्रेमानंद को सुनाया कृष्ण भजन।
संवाद सहयोगी, जागरण, वृंदावन। श्रीराधारानी के साधक संत प्रेमानंद के आश्रम में हर दिन देश दुनिया के श्रद्धालु आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं। बुधवार को गुजरात की भजन गायिका गीता रबारी ने एकांतिक वार्ता के समय संत प्रेमानंद के दर्शन कर आशीर्वाद लिया और कृष्ण भजन सुनाया। तो संत प्रेमानंद गदगद हो गए।
कच्छ की कोयल के नाम से प्रसिद्ध गुजराती भजन गायिका गीता रबारी
परिक्रमा मार्ग स्थित श्रीराधा केलिकुंज में बुधवार की सुबह साढ़े सात बजे पहुंची कच्छ की कोयल के नाम से प्रसिद्ध गुजराती भजन गायिका गीता रबारी ने संत प्रेमानंद से मुलाकात की। उन्हें एक भजन भी सुनाया। उनका भजन सुनकर बहुत प्रसन्न हुए। एकांतिक वार्ता के दौरान एक विदेशी महिला ने संत प्रेमानंद से वार्तालाप किया।
संत प्रेमानंद से वार्तालाप में श्रीकृष्ण प्रेम में आने वाली बाधाओं के बारे में सवाल किया। तो संत प्रेमानंद ने कहा जहां राधा है वहां क्या बात है। बहुत प्रकार के शारीरिक में कष्ट हैं, वह बाधा नहीं है, वह तो कृपा है। प्रेमी अगर शरीर के कष्टों की याद रखें तो वह प्रेमी किस बात का। प्रेमी तो बहुत विचित्र मार्ग है। प्रारब्ध हमारे शरीर पर कष्ट देगा। हम उसे राधा राधा कह कर सह लेंगे।

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