Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कान्हा बने दूल्हा, गुंजन को पहनाई वरमाला; कृष्ण भक्ति में लीन युवती ने कन्हैया संग रचाई शादी

    Updated: Sun, 03 Mar 2024 09:20 AM (IST)

    कान्हा के प्रेम में जो पड़ा उन्हीं का होकर रह गया। बहुत से ऐसी प्रेमी हैं जिन्होंने भगवान श्रीकृष्ण को अपना सब कुछ मानकर उनसे ब्याह रचा लिया। शनिवार को एक बेटी ने फिर कान्हा से ब्याह रचाया। परिचित स्वजन और रिश्तेदार इस अनोखे विवाह के साक्षी बने। बरात आई द्वारचार हुआ और फिर युवती और कान्हा ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई।

    Hero Image
    कान्हा बने दूल्हा, गुंजन को पहनाई वरमाला; कृष्ण भक्ति में लीन युवती ने कन्हैया संग रचाई शादी

    जागरण संवाददाता, मथुरा। कान्हा के प्रेम में जो पड़ा, उन्हीं का होकर रह गया। बहुत से ऐसी प्रेमी हैं, जिन्होंने भगवान श्रीकृष्ण को अपना सब कुछ मानकर उनसे ब्याह रचा लिया। शनिवार को एक बेटी ने फिर कान्हा से ब्याह रचाया। परिचित, स्वजन और रिश्तेदार, इस अनोखे विवाह के साक्षी बने। बरात आई, द्वारचार हुआ और फिर युवती और कान्हा ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई। करीब 250 बरातियों और जनातियों के भोजन का प्रबंध भी किया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शहर के गोवर्धन रोड स्थित हंसराज कालोनी की रहने वाली साध्वी गुंजन भारद्वाज भगवान श्रीकृष्ण भक्ति में लीन हैं। 24 वर्षीय गुंजन ने बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई के बाद आगे की बढ़ाई छोड़ दी। बचपन से ही उन्हें कान्हा से लगाव था, हर वक्त कान्हा की भक्ति में लीन रहने लगीं। पढ़ाई छोड़ने के बाद कान्हा की भक्ति में ही पूरा दिन रमने लगा। पिता चतुर्भुज आचार्य कथावाचक हैं।

    कान्हा से शादी की रचाई इच्छा

    वह कहते हैं कि उनकी दो बेटी और दो बेटे हैं। गुंजन सबसे छोटी है। उन्होंने बेटी की शादी के लिए कई रिश्ते देखे, लेकिन उसने मना कर दिया। उसने भगवान श्रीकृष्ण से शादी की इच्छा जताई। कहा कि अगर कान्हा से शादी नहीं हुई, तो वह कहीं शादी नहीं करेगी। बेटी की इच्छा का सम्मान करते हुए उन्होंने शनिवार को विवाह का दिन तय किया। घर में कान्हा का विग्रह था।

    बकायदा कान्हा के गोवर्धन चौराहा से लाया गया और वह बरात लेकर हंसराज कालोनी पहुंचे। ब्यूटी पार्लर से दुल्हन की तरह गुंजन सजीं। मुहल्ले के लोग भात लेकर भी आए। बकायदा बरात घर पहुंचने पर द्वारचार हुआ। वैदिक मंत्र गूंजे तो बराती और जनाती श्रद्धा मेें डूब गए। विधि-विधान से दोनों का विवाह हुआ। दोनों के फेरे हुए और वरमाला पहनाई गई।

    पिता ने बताया कि उन्होंने पांचांग देखकर आज का दिन तय किया था। गुंजने के दो भाई कृष्ण मुरारी और गिरवर कथा वाचक हैं। बड़ी बहन नीलम की शादी 20 वर्ष पूर्व बरारी गांव में हुई थी। गुंजन और कान्हा के विवाह में करीब ढाई सौ लोग मेहमान बने।