Govardhan Puja 2025: गिरिराज महाराज को अर्पित होगा 'अन्न का पर्वत', दूध की धार से नहाएगा गोवर्धन
ब्रजभूमि में दीपावली के बाद अन्नकूट पर्व की धूम है। गोवर्धन पर्वत पर अन्न का पर्वत सजाया जाएगा। गिरिराज जी को मौसमी सब्जियों और मिष्ठानों से तैयार अन्नकूट का भोग अर्पित किया जाएगा। सुबह से ही दूध की धारा बहेगी और भक्त अन्नकूट लेकर पहुंचेंगे। 'गोवर्धनधारी की जय' के जयकारों से पर्वत गूंज उठेगा।

गिरिराज महाराज की परिक्रमा के लिए पहुंचे श्रद्धालु। फाइल
संवाद सूत्र, जागरण, गोवर्धन। भक्ति और अन्नकृतज्ञता का अनोखा संगम... दीपोत्सव की उजास में जब दुनिया दीपों से आलोकित होती है, तब ब्रजभूमि गिरिराज को अन्न के पर्वत से सजाती है। बुधवार को गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा में दूध की धार बहती रहेगी और भक्तजन सिर पर अन्नकूट की टोकरी रख प्रभु के चरणों में भोग अर्पित करेंगे।
ब्रजभूमि में दीपावली के बाद अब अन्नकूट पर्व की भक्ति तरंगें उमड़ने लगी हैं। बुधवार को पर्वतराज गोवर्धन की पवित्र परिक्रमा में ‘अन्न का पर्वत’ सजाया जाएगा। सात कोस में विराजमान गिरिराज गोवर्धन की दिव्यता का आलोक अकल्पनीय है, इसी कारण उन्हें ‘देवों के देव’ कहा गया है। जब पूरी दुनिया दीपोत्सव में दीप जलाकर भगवान को स्मरण करती है, तब ब्रजवासी अन्नकूट के माध्यम से गिरिराज प्रभु को धन्यवाद अर्पित करते हैं।
गिरिराज को अर्पित होगा अन्न का पर्वत, दूध की धार से नहाएगा गोवर्धन पर्वत
गोवर्धन पूजा बुधवार को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी। मौसमी सब्जियों, मिष्ठानों और विविध व्यंजनों से तैयार विशाल अन्नकूट का भोग गिरिराजजी को समर्पित किया जाएगा। इस दिन की शुरुआत प्रभु के दुग्धाभिषेक से होगी। सुबह करीब चार बजे से ही प्रमुख मंदिर, दानघाटी, मुकुट मुखारविंद, जतीपुरा मुखारविंद सहित पूरे 21 किमी परिक्रमा मार्ग पर स्थित गिरिराज शिलाओं पर दूध की धार बहनी शुरू हो जाएगी, जो देर रात तक निरंतर प्रवाहित होती रहेगी। इस्कॉन और गौड़ीय संप्रदाय के भारतीय एवं विदेशी भक्त भी इस महापर्व में भागीदारी करेंगे।
सुबह से छबरियां लेकर पहुंचेंगे श्रद्धालु
श्रद्धालु सिर पर प्रसाद की टोकरी रखकर गिरिराजजी को अन्नकूट का भोग समर्पित करेंगे। राधाकुंड मार्ग स्थित गौड़ीय मठ सहित विभिन्न स्थलों से सुबह करीब नौ बजे भक्तजन छबरियों में सजी अन्नकूट सामग्री लेकर गिरिराजजी की ओर प्रस्थान करेंगे। वहां वे पंचामृत से अभिषेक कर गिरिराज प्रभु को अन्नकूट प्रसाद अर्पित करेंगे। प्रमुख मंदिरों में दोपहर तक दूध से अभिषेक तो उसके बाद भव्य अन्नकूट दर्शन होंगे। हर ओर भक्तों की भीड़ और 'गोवर्धनधारी की जय' के जयकारों से गोवर्धन पर्वत गूंज उठेगा।
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