Chandra Grahan 2025: चंद्रग्रहण पर सिर्फ द्वारकाधीश मंदिर में दर्शन देंगे ठाकुरजी, ये है पट खुलने की टाइमिंग
चंद्रग्रहण के कारण श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पट दोपहर में बंद हो गए। ठाकुर द्वारकाधीश मंदिर में ग्रहण के दौरान भी ठाकुरजी के दर्शन होंगे। द्वारकाधीश मंदिर के मीडिया प्रभारी ने बताया कि रात्रि में ग्रहण के दर्शन रात 9.57 से रात 1.27 बजे तक होंगे मान्यता है कि ग्रहण में ठाकुरजी का राक्षसों से युद्ध होता है इसलिए भक्त भजन कीर्तन करते हैं। ग्रहण 3.30 घंटे का रहेगा।

जागरण संवाददाता, मथुरा। आज चंद्रग्रहण है। चंद्रग्रहण के कारण श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पट दोपहर में बंद कर दिए। मंदिर ठाकुर द्वारकाधीश में ग्रहण दौरान ठाकुरजी दर्शन देंगे। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मंदिरों के पट चंद्रग्रहण होने के कारण रविवार को दोपहर 12 बंद हो गए। शाम को जन्मस्थान के सभी मंदिरों के पट सूतक होने के कारण बंद रहेंगे। आठ सितंबर को दर्शन समयानुसार ही होंगे।
आठ सितम्बर को मंगला आरती के बाद सुबह 10 बजे से दर्शन
ठाकुर द्वारकाधीश में रविवार को मंगला, शृंगार, ग्वाल के दर्शन समय के अनुसार ही होंगे। राजभोग के दर्शन सुबह 10 बजे से सुबह 10. 30 बजे तक होंगे। उद्यापन के दर्शन दोपहर दो बजे से दोपहर 2.10 बजे तक होंगे। भोग संध्या आरती दोपहर 2.40 से 2.50 तक होगी। शयन के दर्शन शाम 3.30 बजे से शाम चार बजे तक होंगे।
भजन और कीर्तन करेंगे
द्वारिकाधीश मंदिर के मीडिया प्रभारी एडवोकेट राकेश तिवारी ने बताया कि रात्रि ग्रहण के दर्शन रात 9.57 से रात 1.27 बजे तक होंगे और इस दौरान ठाकुरजी के पट खुले रहेंगे। उन्होंने बताया कि मान्यता है, ग्रहण में ठाकुरजी का राक्षसों से युद्ध होता है। इस दौरान ठाकुरजी के समर्थन में भक्त भजन, कीर्तन करते हैं। आठ सितंबर को रात 3.30 बजे मंगला के दर्शन होंगे उसके बाद सेवा चालू रहेगी। उधर, बलदेव में दाऊ जी महाराज मंदिर के पट भी दोपहर 12.20 बजे बंद हुए।
साढ़े तीन घंटे रहेगा ग्रहण
श्री दीपक ज्योतिष भागवत संस्थान द्वारा रतन कुंड चौबियापाड़ा स्थित कैंप कार्यालय में हुई बैठक में बताया गया कि चंद्रगहण 3.30 घंटे का रहेगा। यह ग्रहण भारत व विश्व में दिखाई देगा। पितृ पक्ष के प्रारंभ पर चंद्रग्रहण और समापन पर आंशिक सूर्य ग्रहण रहेगा। निदेशक ज्योतिषाचार्य कामेश्वर नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि रविवार को रात 9.57 से रात 1.27 बजे तक ग्रहण रहेगा। सूतक दोपहर 12. 57 बजे लग गए। कुंभ राशि के लोग ग्रहण का न देखें। संस्कृत भारती ब्रजप्रांत के जिलाध्यक्ष आचार्य ब्रजेंद्र नागर ने कहा कि इसका प्रभाव पूरे विश्व भर में रहेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।