37 भेजे जेल, 10 फरार पर 25 हजार का इनाम; UP के 'जामताड़ा' में नाबालिग भी साइबर शातिर
मथुरा पुलिस ने साइबर ठगों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 37 ठगों को गिरफ्तार किया है, जबकि 10 फरार हैं, जिन पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया है। पुल ...और पढ़ें

पुलिस ने जेल भेजे आरोपित।
जागरण संवाददाता, मथुरा। जिले की पुलिस द्वारा गुरुवार की भोर में साइबर ठगों की कमर तोड़ने के लिए कुख्यात चार गांवों में की गई कार्रवाई अब तक की सबसे बड़ी मानी जा रही है। इस मामले की प्राथमिकी गोवर्धन थाने के प्रभारी निरीक्षक रवि त्यागी ने खुद 35 पेज की प्राथमिकी दर्ज कराई है। पूछताछ में पुलिस के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं। इनके आधार पर पुलिस जल्द ही फिर से बड़ी कार्रवाई की तैयारी में जुट गई है।
भागे 120 लोगों में से 10 के नाम भी सामने आए हैं। इन पर 25-25 हजार का ईनाम घाेषित किया गया है। सभी ठगों पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की जा रही है। इनकी संपत्ति भी जब्त होगी। 37 ठगों को शुक्रवार को न्यायालय पेश किया, जहां से सभी जेल भेज दिए। पांच नाबालिग थे जिन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।
04 एएसपी के नेतृत्व में 350 से अधिक पुलिसकर्मियों का ठगों के नेटवर्क पर प्रहार
गुरुवार की सुबह पांच बजे चार एएसपी के नेतृत्व में साढ़े तीन सौ से अधिक पुलिसकर्मियों ने एक-दूसरे से सटे गांव देवसेरस, मुड़सेरस, मड़़ौरा और नगला अकातिया में एक साथ साइबर ठगों की घेराबंदी की। 12 घंटे तक चले अभियान में 42 लोगों को हिरासत में लिया, जबकि 120 ठग राजस्थान की सीमा की ओर फरार हो गए। घरों से सात बाइक, आपत्तिजनक सामग्री, फर्जी कागजात, दर्जनों मोबाइल, आधार कार्ड, सिमकार्ड और डिजिटल उपकरण बरामद हुए।
गोवर्धन थाने में प्रभारी निरीक्षक ने दर्ज कराई 47 के खिलाफ प्राथमिकी
हिरासत में लिए लोगों में पांच किशोर मिले, जिनका ठगी से कोई वास्ता न होने पर उन्हें छोड़ दिया गया। शुक्रवार को इस मामले में पुलिस ने 37 आरोपितों को न्यायालय पेश किया, जहां से जेल भेज दिया गया। इस मामले में गोवर्धन थाने में प्रभारी निरीक्षक रवि त्यागी ने शुक्रवार की सुबह 47 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।
देवसेरस का प्रधान और उसका पुत्र भी शामिल
साइबर ठगी में पुलिस ने देवसेरस के प्रधान इस्लाम व उसका पुत्र बेहतरीन के अलावा, इमरान, शैकुल, आशू, कालू, शमीम, अफसर, ईसव, तालिम पुत्र जैकव, तालिम पुत्र आशू, तालिम पुत्र हसन खां, आबिद, वाजिद, आरिफ, तसलीम, आजम, मुनफैद, रुकमुद्दीन, हफीज, साहिल, उन्नस, हामिद, फारुख, रोहित, दीपक, मुश्तफा, इरशाद, सोहिल, अरशद, शकील, माजिद, इंसाफ, राहुल, जावेद, इस्लाम पुत्र पहलवान तथा नफीस अहमद निवासी ग्राम नागल थाना बहीन, पलवल व हाल पता ग्राम देवसेरस को जेल भेजा है। इनमें तीन सगे भाई व पिता व पुत्र भी शामिल हैं।
ये हुए फरार
नगला अकातिया का दिलशाद व देवसेरस के फकरू, कैफ, काला, आरिफ, मौसम, साजिद उर्फ सिजुआ, साहिद, जाविद, मुरसी।
इनके नाम के मिले फर्जी आधार कार्ड
बेहतरीन के पास से बरामद आधार कार्ड में उसका फोटो तथा नाम दिनेश कुमार पुत्र ओम प्रकाश व पता विश्राम बाजार, गोलपाड़ा मथुरा दर्ज है। इमरान के पास से बरामद आधार कार्ड पर जयकिशन पता कोरिया घाट, चैतन्य विहार दर्ज है। शैकुल के पास से सोनू कुमार, आशू के पास से रामवीर कुमार मगोर्रा, कालू के पास से हीरुचंद पता भक्ति वेदांत वृंदावन व शमीम के पास से बरामद आधार कार्ड पर नाम अमित कुमार कृष्णा नगर दर्ज मिला।
ये लगाई धाराएं, दोष सिद्ध होने पर हो सकता है आजीवन कारावास
पुलिस ने साइबर ठगों पर प्रभावी कार्रवाई की है। इनके खिलाफ धारा 318-4, 336-3, 338, 340-2, 113-3, 132, 191-2, 66-सी व 66 डी लगाई गई हैं। भारतीय न्याय संहिता की धारा 338 सबसे तगड़ी धारा है। इसका प्रयोग नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर गंभीर अपराध करने वालों पर किया जाता है। इस मामले में अदालत में अगर यह साबित हो जाता है तो संबंधित को आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।

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