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    कान्हा के गोवर्धन को सार्थक करती सूर श्याम गोशाला

    गोवंश की रक्षा में जुटी है महाकवि सूरदासजी की भूमि 1200 गोवंशों की सेवा की जा रही

    By JagranEdited By: Updated: Thu, 10 Oct 2019 06:23 AM (IST)
    कान्हा के गोवर्धन को सार्थक करती सूर श्याम गोशाला

    रसिक शर्मा, गोवर्धन : गोवर्धन यानी गोवंश के संवर्धन की भूमि। यहां भगवान श्रीकृष्ण ने गाय चराकर गोवंश की रक्षा का संदेश दिया। कान्हा की गोचर भूमि में जब तीन संतों ने गोवंश की रक्षा का बीड़ा उठाया, तो प्रेम की भूमि में सेवा के संकल्प उठने लगे। सूरदास जी की तपस्थली पर बनने के कारण इसे सूर श्याम गोशाला नाम दिया गया।

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    जूनागढ़ के पुरुषोत्तम महाराज की प्रेरणा से वर्ष 1989 में भाद्रपद शुक्ल पक्ष की दसवीं के दिन गोवंश के लालन-पालन को चंद्र सरोवर में गोशाला की स्थापना हुई। संत गणेश दास भक्तमाली और गो उपासक संत ठाकुर दास ने एक बछड़ा रख गोशाला का शुभारंभ किया। संरक्षण बेहतर हो इसके लिए सूर श्याम सेवा संस्थान नाम की संस्था भी बना ली। करीब एक वर्ष बाद ही तत्कालीन प्रधान रामरूप शर्मा ने प्रस्ताव पास कर गोशाला को भूमि दी। ग्रामीण स्वयंसेवक बन सेवाकार्य में जुट गए। धीरे-धीरे गोसेवा से लोग जुड़ते गए।

    प्रबंधक बताते हैं कि तीन दर्जन कर्मचारी गोशाला में सेवा कार्य कर रहे हैं, इन्हें कृष्ण की भूमि पर ग्वाला कहा जाता है। संत ठाकुर दास जी ने अपना जीवन गोवंश की सेवा में समर्पित किया। छोटी सी कुटिया में रहकर गोसेवा के लिए प्रेरित किया। 17 जुलाई 2009 में उनके गोलोक गमन के बाद संत गणपति बाबा ने सेवा की कमान संभाली। संत के सानिध्य में सूर श्याम सेवा संस्थान की देखरेख में गोसेवा सुचारू रूप से चल रही है। गोशाला में 1200 गोवंश

    गोवर्धन-भरतपुर मार्ग पर करीब दो किमी राजस्व गांव महमदपुर है। इसे चंद्र सरोवर और परासौली के नाम से भी जाना जाता है। गोशाला में करीब 1200 गोवंश हैं। इनमें अधिकतर पैरों से अपाहिज, बीमार और वृद्ध गोवंश हैं। चिकित्सकों द्वारा बीमार गोवंश की नियमित देखभाल सेवा का हिस्सा है। इनमें पचास गाय दूध दे रही हैं, इस दूध को गोशाला कर्मी अपने निजी कार्य में नहीं इस्तेमाल करते। दूध अनाथ बछड़ों को पिलाया जाता है। सेवा के प्रकल्प

    - सूर श्याम वाचनालय एवं पुस्तकालय जिसमें करीब सात हजार पुस्तकें हैं।

    - सूर श्याम अन्न क्षेत्र भी चलता है जिसमें गरीबों को भोजन मिलता है।

    - सूर श्याम दातव्य चिकित्सालय में होम्योपैथी की दवाएं निश्शुल्क मिलती हैं।

    - सूर श्याम प्याऊ दिन भर पर्यटक और राहगीरों की प्यास बुझाती है।